सुप्रसिद्ध राजनयिक, लेखक एवं शिक्षाविद प्रो. मुचकुंद दुबे की याद में आरटीई फोरम,  बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ और नागरिक समाज के द्वार में स्मृति सभा रखी गयी। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ भवन में आयोजित इस स्मृति सभा की अध्यक्षता शिक्षाविद अक्षय कुमार एवं संचालन जयप्रकाश ने की।

आरटीई फोरम के बिहार राज्य संयोजक एवं शिक्षाविद डॉ. अनिल कुमार राय ने प्रो.मुचकुंद दूबे के जीवन और कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा ” प्रो. दूबे ने देश और विदेश के सर्वोच्च संस्थानों से शिक्षा ली थी। 1990 से 1995 तक विदेश सचिव के पद पर रहे और उन्होंने इस पद पर भारत के तीन प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया। वे बांग्लादेश में राजदूत भी रहे। उन्होंने उच्च विद्यालय से लेकर उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्यापन का भी कार्य किया था। 28 जून 2024 को लगभग 90 वर्ष की आयु में प्रो. मुचकुंद दूबे का निधन हो गया।”

प्रसिद्ध साहित्यकार प्रेम कुमार मणि ने कहा “जब प्रो. मुचकुंद दूबे जब पटना कॉलेज में पढ़ा करते थे तब उन्होंने गीतांजलि का हिंदी में अनुवाद किया था। उनका विश्व साहित्य से गहरा लगाव था।  वे न सिर्फ बड़े अधिकारी थे बल्कि बहुत बड़े लेखक और शिक्षाविद थे। बिहार को लेकर वे बहुत भावुक रहते थे। उन्होंने कभी नये समाज के निर्माण का स्वप्न देखना बंद नहीं किया था। उनके निधन से बिहार के बौद्धिक समाज को बहुत आघात पहुँचा है।”

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ की पत्रिका ‘प्राच्य प्रभा’ के संपादक विजय कुमार सिंह ने कहा बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के इसी सभागार में प्रो. मुचकुंद दुबे की समान स्कूल प्रणाली आयोग की कई मीटिंग की याद है। उन्होंने प्राच्यप्रभा के लिए डॉ. मदन मोहन झा के स्मृति अंक के लिए दिल्ली से एक व्यक्ति के मार्फ़त लेख भेजवाया था।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी  के नेता अरुण कुमार मिश्रा ने कहा प्रो. मुचकुंद दुबे एक राजनयिक के तौर पर साम्राज्यवाद विरोधी धारा व्यक्ति थे।

सामाजिक कार्यकर्ता  मो. ग़ालिब  खान ने कहा  वे बच्चों के बीच साइंटिफिक टेम्परामेंट विकसित करना चाहते थे, यह उनके लिखित दस्तावेजों से मालूम होता है। बिहार में समान स्कूल प्रणाली आयोग की रपट को लागू कराकर हम प्रो. दुबे को श्रद्धांजलि दी सकते हैं।

एएन सिन्हा इंस्टिट्यूट में सहायक प्राध्यापक विद्यार्थी विकास, प्रगतिशील लेखक संघ के उपमहासचिव अनीश अंकुर, सामाजिक- राजनीतिक कार्यकर्ता और पत्रकार राजीव सिंह जादौन ने भी अपने विचार रखे।

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अध्यक्षीय संबोधन शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता अक्षय कुमार ने किया। सभा को भाकपा( माले-लिबरेशन) के कुमार परवेज,  भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पटना  जिला सचिव विश्वजीत कुमार, ऑल इंडिया साइंस टीचर्स फोरम के रवीन्द्र सिन्हा, ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन से जुड़े रहे राजीव जादौन, समाजिक कार्यकर्ता संजीव,  बिहार विकलांग अधिकार मंच राकेश कुमार,  आकाशवाणी पटना से जुड़े  रामनिवास कुमार,  आदि ने भी संबोधित किया। सभा में आर.टी.आई फोरम से जुड़े मित्र रंजन के संदेश को भी सुनाया गया। स्मृति सभा में एक मिनट का मौन रहकर मुचकुंद दूबे  को श्रृद्धांजलि दी गई। स्मृति सभा में मौजूद प्रमुख लोगों में थे लेखक व आलोचक गजेंद्रकांत शर्मा,  छात्र नेता बिट्टू भारद्वाज , राजीव रंजन, सामाजिक कार्यकर्ता जौहर,  लेखक भैरव लाल दास,  कवि चंद्रबिंद सिंह आदि।

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By Editor


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