मुगल इतिहास हटाना मजाक बना, संघ पर प्रतिबंध क्यों लगा भी हटा
NCERT पुस्तकों से मुगल इतिहास हटाना मजाक बना। कपिल सिब्बल बोले मोदी का भारत 2014 से शुरू होता है। इंडियन एक्सप्रेस ने कटी हेडिंग छाप दी।
NCERT पुस्तकों से मुगल इतिहास हटा दिया गया है। इंडियन एक्सप्रेस ने इतिहास रच दिया। उसने हेडिंग लगाई-गांधी के हिंदू मुस्लिम एकता पर जोर से उग्रवादी हिंदू खफा हुए…कुछ समय के लिए आरएसएस पर प्रतिबंध लगा। एक्सप्रेस ने गजब यह किया कि इस हेडिंग को काट कर प्रकाशित किया। उसने ऐसा करके संघ और भाजपा की हिंदुत्ववादी विचारधारा के खोखलेपन पर करारा हमला किया। हेडिंग को काटने का अर्थ है कि पहले यह बात पढ़ाई जाती थी, अब मोदी सरकार ने इसे हटा दिया है। अखबार की इस खबर की कटिंग आज सोशल मीडिया पर वायरल है। लोग इंडियन एक्सप्रेस के साहस को सलाम कर रहे हैं। इसे ही सच्ची और रीढ़वाली पत्रकारिता बता रहे हैं। फिल्मकार विनोद कापरी ने कहा-आज के दौर में इस साहस और रीढ़ के लिए आपको हमेशा याद रखा जाएगा।
उठो अनार कली , हमें #एनसीईआरटी की किताबों से निकाल दिया है. pic.twitter.com/XeAWquCVqo
— रामपाल सिंह (@singhrajrampal) April 5, 2023
सोशल मीडिया पर भारत सरकार के इस निर्णय का लोग खूब मजाक उड़ा रहे हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा मोदी जी का भारत 2014 से शुरू होता है। अभिषेक गोयल ने लिखा-सुना है आजकल मुग़लों के इतिहास मिटाने पर गहन वर्कआउट हो रहा है….. जो मर्जी हो करो, हाँ और हो सके तो #हकीम-खां-सूर का भी नाम मिटा देना, वही हाकिम जो हल्दी घाटी का हीरो था। महाराणा प्रताप के बहादुर सेनापति हकीम-खां-सूर के बिना हल्दीघाटी युद्ध का उल्लेख अधूरा है।18 जून,1576 की सुबह जब दोनों सेनाएं टकराईं तो प्रताप की ओर से अकबर सेना को सबसे पहला जवाब हकीम खां सूर के नेतृत्व वाली टुकड़ी ने ही दिया।ग़ौरतलब है कि अक़बर की सेना का नेतृत्व सेनापति “मान सिंह” कर रहे थे।
फिल्मकार गौहर रजा ने लिखा-मुझे इंतिज़ार है कि कब लाल क़िले, ताज़ महल, क़ुतुब मीनार पर बोर्ड लगाया जाएगा कि ‘यह इमारत अपने आप उग आई है इसे किसी ने नहीं बनाया। यहाँ स्कूल के बच्चों का आना माना है।
पत्रकार प्रशांत टंडन ने लिखा- कितना काम छोड़ कर जायेंगे मोदी जी अगली सरकारों के लिए। आरएसएस को तो सरदार पटेल ने बैन किया था और लिखित माफ़ी के बाद बैन हटाया था। इतिहास ऐसे गायब हो जाता तो हिटलर आज के जमाने में महान पुरुषों में गिना जाता। इतिहास की किताबें जलाने वालों को इतिहास ने खूब याद रखा है मोदी जी।