मुकेश सहनी ने की मुसलमानों से भयंकर गद्दारी
मुकेश सहनी ने की मुसलमानों से भयंकर गद्दारी
जो अंदेशा था, वही हुआ.मुकेश सहनी ने मुसलमान को एक भी टिकट नहीं दिया. दूसरी आशंका यह है कि चुनाव परिणाम जरा भी भाजपा के पक्ष में गया तो सबसे पहले यही आदमी उधर भागेगा. यह सियासी गद्दारी है. और मुझे मुकेश सहनी की संभावित सियासी गद्दारी की पूरी आशंका है.
मुकेश सहनी ने की मुसलमानों से भयंकर गद्दारी
आइए विचार करें
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दोस्तो ! विचार कीजिए. और इस पोस्ट को खूब शेयर कीजिए ताकि आम लोगों तक यह संदेश चला जाये. अब जरा गौर कीजिए कि महागठबंधन की हर एक पार्टी ( CPI, CPM की नगण्य सीटें छोड़ कर) ने मुसलमानों को कमोबेश ठीक-ठाक टिकट दिया है.( कांग्रेस 10, राजद 18, माले 2). लेकिन सहनी ने साफ दगाबाजी कर दी. सहनी की आबादी 2.36 प्रतिशत है. और इन्होंने 15 में 7 टिकट निषादों पर लुटा दिया. मुसलमान 18 प्रतिशत हैं, उन्हें जीरो टिकट.
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सहनी की इस दगाबाजी का मुंहतोड़ जवाब देना होगा. उन्हें उनकी औकात बतानी होगी. वैसे भी यह आदमी किस दिन भाजपा से मिल जाये, इसकी कोई गारंटी नहीं. लिहाजा ‘जो टिकट न दे, उसे वोट न दो’ का फार्मुला लागू कीजिए. या फिर देखिए कि जहां से वीआईपी के प्रत्याशी हैं वहां वोट बहिष्कार का विकल्प चुनिये.
आखिरी बात
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कटिहार में राजद के टिकट के दावेदार सईद आलम थे
यह सीट वीआईपी को चली गयी. मुकेश सहनी की मानसिकता अगर साम्प्रदायिक न होती तो वहां से सईद आलम को प्रत्याशी बनाते. वहां से एक ऐसे अग्रवाल को टिकट दिया है जिसे उसके पड़ोसी भी नहीं जानते. सईद आलम अब्दुल जलील के बेटे हैं, जो तीन बार विधायक रह चुके हैं. सईद आलम ने साफ आरोप लगाया है कि अग्रवाल को तीन करोड़ रुपये में टिकट बेचा है मुकेश सहनी ने.
ऐसे में यह समय है कि ऐसी दगाबाजी का मुंहतोड़ जवाब दिया जाये. वर्ना ऐसे लोग आपको अपनी सियासी जागीर समझते रहेंगे.

By Editor