जैसे –जैसे बिहार विधानसभा का चुनाव नजदीक आ रहा है, एक दूसरे को तोड़ने की कोशिश भी शुरू हो गई है। एनडीए ने वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी को बड़ा ऑफर दे दिया है। इसी के साथ सवाल उठ रहे हैं कि क्या मुकेश सहनी इंडिया गठबंधन से नाता तोड़ कर एनडीए में शामिल होंगे। सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि सहनी ने पहले खुद ही कहा था कि अगर एनडीए सरकार निषादों को अलग से आरक्षण दे देती है, तो वे एनडीए में न सिर्फ शामिल हो जाएंगे, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपनी जान भी दे सकते हैं।

एनडीए में शामिल हम के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के बेटे बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन ने बुधवार को मुकेश सहनी को ऑफर देते हुए कहा कि तेजस्वी यादव उन्हें कभी 60 सीटें नहीं दे सकते, जिसकी वे मांग कर रहे हैं। इसीलिए वे इंडिया गठबंधन छोड़ कर एनडीए में शामिल हो जाएं। हालांकि संतोष सुमन ने यह नहीं बताया कि एनडीए उन्हें कितनी सीटें देने को तैयार है।

याद रहे जीतनराम मांझी और चिराग पासवान के बीच लंबे समय से रिश्ते खराब हैं। मांझी कई बार चिराग के खिलाफ बोल चुके हैं। चिराग भी कई बार नीतीश सरकार के खिलाफ बोल चुके हैं। माना जा रहा है कि मांझी चाहते हैं कि एनडीए से अगर चिराग पासवान बाहर जाते हैं, तो मुकेश सहनी को शामिल कर लिया जाए। उस स्थिति में बिहार एनडीए में मांझी ही एकमात्र दलित फेस रह जाएंगे। चिराग के रहते सहनी का एनडीए में जाना मुश्किल है। उन्हें 112 सीटें तभी दी जा सकती हैं, जब चिराग पासवान बाहर हो जाएं। सीटों को लेकर एनडीए में पहले से खींचतान चल रही है।

खबर लिखे जाने तक सहनी की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। सहनी बुधवार को गठबंधन की बैठक में शामिल थे।

 

By Editor