वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने चिराग पासवान की क्लास लगा दी। कहा कि वे सोने का चम्मच लेकर पैदा हुए। मुंबई गए थे हीरो बनने, लेकिन फ्लाप होकर वापस आ गए। चिराग अपने पिता के रास्ते से भटक गए हैं। गरीबों की आवाज बनने की जगह हनुमान बने फिर रहे हैं। सहनी गुरुवार को मीडिया से बात कर रहे थे।
चिराग पासवान अब तक विपक्ष पर खूब हमला कर रहे थे, लेकिन विपक्ष जवाब नहीं दे रहा था। विपक्ष के निशाने पर प्रधानमंत्री मोदी ही थे। अब पहली बार मुकेश सहनी ने क्लास लगा दी है। कहा कि चिराग पासवान के बारे में हम ज्यादा नहीं बोलेंगे। वे सोने का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं। उन्हें मोदी सरकार ने स्व रामबिलास पासवान के बंगले से बाहर कर दिया। स्व पासवान के चित्र और प्रतिमा का अनादर किया। इसके बावजूद वे हनुमान बने फिर रहे हैं। कहा कि वे चिराग को शेर नहीं मानते।
मुकेश सहनी ने कहा कि वे स्व. रामबिलास पासवान की इज्जत करते हैं। आज भी मेरे दफ्तर में उनकी तस्वीर लगी है। संसद में उनका भाषण सुन कर सीना चौड़ा हो जाता है। वे गरीबों के हक की बात करते थे। असल में वे शेर थे। गरीबों की आवाज थे।
मुकेश सहनी के भले ही अपने तीन प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन उनकी मांग इंडिया गठबंधन के हर प्रत्याशी कर रहे हैं। इसीलिए वे बिहार भर का दौरा कर रहे हैं। अब तक कई सभाओं में वे तेजस्वी यादव के साथ भी रहे हैं। उनका पूरा जोर डॉ. आंबोडकर के संविधान को बचाने पर है। वे हर सभा में पिछड़ों को आगाह कर रहे हैं कि भाजपा संविधान को खत्म कर देना चाहती है। भाजपा शुरू से इस संविधान के खिलाफ रही है, जिसमें दलितों-पिछड़ों को समान अधिकार दिया गया है। सहनी ने कहा कि भाजपा आरक्षण को खत्म कर देना चाहती है। निजीकरण के जरिये वह पहले ही आरक्षण को बहुत हद तक अप्रासांगिक बना चुकी है। कहा कि इंडिया गठबंधन की सरकार आएगी, तो निजीकरण पर रोक लगेगी और सरकारी क्षेत्रों पर जोर दिया जाएगा, जहां दलितों-पिछड़ों को आरक्षण भी मिलेगा।