जकात भवन, आशियाना-दीघा, रोड, पटना में ऑल इण्डिया युनाइटेड मुस्लिम मोर्चा के कार्यकर्ताओं की राज्य स्तरीय बैठक दलित मुस्लिम तहरीक के संस्थापक, मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद डॉ एम एजाज अली की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई, जिसमें बैकवर्ड मुस्लिम मोर्चा समेत अन्य वह तमाम संस्थाओं एवं समर्थकों ने हिस्सा लिया। जो संविधान की धारा 341 से धार्मिक प्रतिबंध हटाकर दलित मुसलमानों को अनुसूचित जाति आरक्षण की सुविधा दिलाना चाहते हैं। ज्ञात हो कि 1994 में डा० एजाज अली ने बिहार से धारा 341 के विरुद्ध आन्दोलन की शुरुआत की और मुल्क के कोने कोने तक इसे पहुंचाने का काम किया। बैठक में मुख्य रूप से जस्टिस ” के ० जी ० बालाकृष्णन” आयोग पर चर्चा हुई और आने वाले महीनों में दलित मुस्लिम इश्यू पर बड़ी रैली करने पर विचार विमर्श हुआ।
बैठक को सम्बोधित करते हुए डॉ एम एजाज अली ने कहा कि जब संविधान की धारा 370 में संशोधन हो सकता है तो फिर धारा 341 में क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि मोर्चा ही वह एकल संगठन है जिसने 1994 में दलित मुस्लिम इश्यू को बिहार की धरती पर जन्म दिया और इसे पाल- पोसकर देश के अधिकतर भागों में खड़ा किया, एवं अपनी लगातार और अथक मेहनत से इसे विभिन्न सियासी दलों के मेनिफेस्टो , सरकारी कमीशनों, यहां तक कि कयी विधानसभाओं और संसद में चर्चा तक करवा डाला। मौजूदा केन्द्रीय सरकार ने जस्टिस बालाकृष्णन आयोग बनाकर यह संकेत दिया है कि अब इस इश्यू के पूरा होने का समय आ रहा है शर्त है कि मुसलमानों की बहुसंख्य आबादी इस इश्यू पर एकता दिखाएं।
इस अवसर पर बैकवर्ड मुस्लिम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमाल अशरफ राइन ने कहा कि 14 वर्षों में भगवान श्री राम जी का बनवास भी समाप्त हो गया था लेकिन 30 वर्षों के बाद भी मोर्चा के कार्यकर्ता धारा 341 में संशोधन कर संवैधानिक नाइंसाफी के विरुद्ध लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जस्टिस बालाकृष्णन आयोग सिर्फ दलित मुसलमानों और दलित इसाइयों के हालात की जानकारी लेने के लिए ही गठित किया गया है, जो अब तक नहीं हुआ था इससे ऐसा महसूस होता है कि अब तक तथाकथित धर्मनिरपेक्ष पार्टियों ने जो नहीं किया हो सकता है नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी की सरकार स्वयं कर दे या अदालत से करवा दें। उन्होंने कहा कि दलित मुस्लिम आरक्षण के लिए डॉ एम एजाज अली सांसद रहते हुए संसद मार्ग पर प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस की लाठी खाइ है एवं पुलिसिया बदतमीजी को झेला है और मोर्चा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने तिहाड़ जेल जाने का काम किया और वर्षों तक मुकदमा झेला है।
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बिहार के विभिन्न जिलों से आए मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने जस्टिस बालाकृष्णन आयोग के बनने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी का आभार व्यक्त किया और लम्बे अरसे से चली आ रही इस मांग को पाने के लिए फिर से शांतिपूर्ण तरीके से आन्दोलन चलाने और इसे वोट की राजनीति से जोड़ने का आह्वान किया। सबों की सहमति से ये तय हुआ कि इस साल के आखिर में ” मिल्लत बचाओ – मुल्क बचाओ” रैली होगी।
बैठक में मुख्य रूप से डा० इबराज अली, असगर अली,मो आबीद,मो नेजाम,मो मुश्ताक आजाद, मो शाहबाज, डॉ मो शाहिद, मास्टर अब्दूर रहमान इदरीसी, आदि ने भी सम्बोधित किया।
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