मुश्किल में मोदी, SC ने कहा, सच्चाई सामने आनी चाहिए
भले ही फ्रांस सहित कई देश Pegasus जासूसी की जांच कर रहे हैं, पर मोदी सरकार इसे मनगढ़ंत ही कहती रही है। अब सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से मुश्किल में फंसी।
Pegasus जासूसी मामले पर मोदी सरकार संसद में बहस को तैयार नहीं हुई। सरकार इसे मनगढ़ंत कहती रही है। हालांकि फ्रांस, हंगरी सहित कई देश इसकी जांच कर रहे हैं। फ्रांस की सरकार ने अपनी जांच में पेगासस जासूसी को सही माना है।
आज सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी मोदी सरकार की परेशानी बढ़ानेवाली है। कोर्ट ने कहा कि पेगासस जासूसी की जो रिपोर्ट आ रही है, अगर वह सही है, तो मामला गंभीर है। इसीलिए सच्चाई सामने आनी चाहिए।
@LiveLawIndia की खबर के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने गुरुवार को पेगासस मामले पर सुनवाई करते हुए उपस्थित हुए अधिवक्ताओं से कहा कि जो आरोप लग रहे हैं, अगर वे सही हैं, तो मामला गंभीर है।
कोर्ट ने कुछ सवाल भी पूछे। कोर्ट ने पूछा कि जिन लोगों के फोन हैक हुए, उन्होंने एफआईआर क्यों नहीं किए। पेगासस मामला 2019 में ही सामने आया, पर आज याचिका क्यों दायर की जा रही है।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, जो वरिष्ठ पत्रकार एन. राम और शशि कुमार की तरफ से कोर्ट में खड़े थे, ने कहा कि पेगासस जासूसी की विस्तृत जानकारी अब सामने आी है, जब इसकी जांच सिटिजन लैब में हुई। किसी भी पीड़ित व्यक्ति के लिए पेगासस जासूसी की बारीकी सामने लाना संभव न था, क्योंकि यह जासूसी सॉफ्टवेयर केवल सरकारों को बेची जाती है। सिब्बल ने कहा कि पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए विस्तृत जांच जरूरी है।
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सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद खबर सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। मोदी सरकार और पूरी भाजपा अबतक पेगासस जासूसी को खारिज करती रही है। अब सुप्रीम कोर्ट सरकार से भी इसके बारे में पूछ सकता है। देखना है कि सरकार जांच नहीं कराने के पक्ष में कोर्ट में क्या तर्क देती है।
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