मुस्लिम शिल्पकार ने बनाई अयोध्या मंदिर के लिए राम की प्रतिमा
मुस्लिम शिल्पकार ने बनाई अयोध्या मंदिर के लिए राम की प्रतिमा। भगवान राम की मूर्तियों को बंगाल के मो. जमालुद्दीन और उनके बेटे बिट्टू ने किया तैयार।
अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन अगले महीने होना तय है। वहां की तैयारियों और मंदिर की भव्यता की खबर रोज अखबारों में छपती है और टीवी चैनल दिखाते हैं। इस बीच बड़ी खबर यह है कि रामलला सहित कई प्रतिमाओं को निर्माण बंगाल के 24 परगना जिले के रहने वाले दो मुस्लिम शिल्पकारों ने किया है। इनके नाम हैं मो. जमालुद्दीन और उनके बेटे बिट्टू। दोनों प्रतिमा गढ़ने में सिद्धहस्त हैं।
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक प. बंगाल के 23 परगना निवासी मोहम्मद जलालुद्दीन तथा उनके बेटे बिट्टू ने अयोध्या में राम मंदिर के लिए भगवान राम की प्रतिमा तैयार की है। इनकी बनाई प्रतिमाएं राम मंदिर में विराजमान होंगी। इनके बारे में मंदिर निर्माण समिति को इंटरनेट से जानकारी मिली फिर इन्हें समिति से प्रतिमा निर्माण का ऑर्डर मिला।
जनवरी में अयोध्या के राम मंदिर में विराजने के लिए रामलला तैयार हैं
— News24 (@news24tvchannel) December 14, 2023
◆ मूर्तियों को बंगाल के मोहम्मद जमालुद्दीन और उनके बेटे बिट्टू ने किया तैयार
◆ पिता-पुत्र की जोड़ी लंबे समय से शिल्पकारी कर रहे हैं
◆ जमालुद्दीन का कहना है, 'धर्म एक निजी चीज होती है. हमारे देश में कई धर्मों… pic.twitter.com/jfTUZ7fOrX
शिल्पकार जलालुद्दीन ने कहा कि मिट्टी की प्रतिमाओं की तुलना में फाइबर प्रतिमाएं बहुत महंगी होती हैं, लेकिन इसका टिकाउपन तथा बदलते मौसम में भी बेअसर रहने के मामले में इनका जवाब नहीं। इसीलिए आउटडोर प्रतिमा स्थापित करने के लिए अधिकतर इसी का चयन किया जाता है। एक आदमकद फाइबर प्रतिमा की कीमत दो लाख 80 हजार होती है, लेकिन मुल बात है कि प्रतिमा में कलात्मकता कितनी है और इसी से वास्तव में कीमत तय होती है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें मुस्लिम होने के कारण ऑर्डर मिलने के संबंध में कोई शक था, तो जलालुद्दीन ने कहा कि धर्म निजी बात है, इसका कला से कोई संबंध नहीं है। हमारे देश में हर धर्म के लोग आपस में मिल-जुल कर रहते हैं। वे भगवान राम की प्रतिमा बना कर बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा कि न सिर्फ भगवान राम, बल्कि देवी दुर्गा तथा अन्य देवी देवताओं की कई प्रतिमाएं तैयार कर चुके हैं। जलालुद्दीन के बेटे बिट्टू ने कहा कि प्रतिमा निर्माण अकेले का काम नहीं है। उनके साथ एक टीम काम करती है, जिसमें 30 शिल्पकार हैं। कऊ स्तरों पर क्राय करने होते हैं।
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