क्या Narendra Modi अपना सोशल मीडिया अकाउंट शाहीनबाग की महिलाओं को देंगे?
इर्शादुल हक, एडिटर नौकरशाही डॉट कॉम
प्रधान मंत्री Narendra Modi द्वारा अपना सोशल मीडिया अकाउंट प्रेरित करने वाली किसी महिला को देने के ऐलान के बाद हजारों लोगों ने अपील की है कि शाहीनबाग की महिलायें सर्वाधिक प्रेरक हैं.
प्रधान मंत्री मोदी 8 मार्च को अपना सोशल मीडिया अकाउंट किसी ऐसी महिला को देने का ऐलान कर दिया है जो लाखों लोगों को प्रेरित करने की क्षणता रखती हों. मोदी ने ट्विट कर के लोगों से अपील की है कि वे #SheInspiresUs हैशटैग से किसी प्रेरक महिला के बारे में बतायें. मोदी की इस घोषणा के बाद ट्विटर पर #WomenOfShaheenBagh ट्रेंड करने लगा. हजारों लोगों ने शाहीनबाग की महिलाओं को दुनिया भर के करोड़ों लोगों की प्रेणा बताना शुरू कर दिया.
Narendra Modi की घोषणा
ऐसे में यह सवाल गंभीर है कि क्या नरेंद्र मोदी शाहीनबाग की महिलाओं को अपना ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब व इंस्टाग्राम अकाउंट्स समर्पित करेंगे. नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के मंत्री या फिर उनकी पार्टी के लोगों को शाहीनबाग का आंदोलन भले ही रास न आये पर सच्चाई यह है कि पिछले अनेक दशकों में दुनिया में किसी भी आंदोलन ने इतनी सुर्खी नहीं बटोरी जितना की शाहीनबाग की महिलाओं के आंदोलन को महत्व मिला है. शाहीनबाग की महिलाओं की प्रेरणा का असर इतना व्यापक है कि भारत के करीब 500 जगहों पर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आंदोलन शुरू हो गये. इतना ही नहीं शाहीनबाग की महिलाओं के आंदोलन का व्यापक असर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पड़ा और यह आंदोलन फ्रांस, इटली, ब्रिटेन, अमेरिका समते दुनिया के करीब 25 देशों में शुरू हो गया.
नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विट में लिखा था कि इस महिला दिवस के अवसर पर मैं अपना सोशल मीडिया अकाउंट उन महिलाओं को दूंगा जो लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं.
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This Women’s Day, I will give away my social media accounts to women whose life & work inspire us. This will help them ignite motivation in millions.
Are you such a woman or do you know such inspiring women? Share such stories using #SheInspiresUs. pic.twitter.com/CnuvmFAKEu
— Narendra Modi (@narendramodi) March 3, 2020
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शाहीनबाग की महिलाओं से प्रेरित होने की बात, नरेंद्र मोदी मान लेंगे ऐसी कोई संभावना नहीं है क्योंकि शाहीनबाग का आंदोलन नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्रित्व काल की सबसे बड़ी चुनौती है और यह आंदोलन उनकी विचारधारा के खिलाफ है. हालांकि आप किसी की विचारधारा से असहमत हो सकते हैं पर शाहीनबाग की महिलाओं की प्रेरणा शक्ति के महत्व को इग्नोर नहीं कर सकते. क्योंकि स्वतंत्र भारत के इतिहास में शाहीनबाग जैसा आंदोलन, जिसका प्रतिनिधित्व महिलाओं ने किया हो विरले ही देखने को मिलता है.