वरिष्ठ पत्रकार रवीश ने 2012 में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी  द्वारा किये उस वादे की याद दिलाई है जिसमें उन्होंने घोषणा की थी कि 2017 तक 30 लाख युवाओं को नौकरी और 50 लाख परिवारों को घर दिया जायेगा.

 

 

2012 में जब गुजरात में चुनाव करीब आ रहे थे तब गुजरात में घर को लेकर काफी चर्चा हो रही थी। कांग्रेस ने गुजरात की महिलाओं के लिए घर नू घर कार्यक्रम चलाया था कि सरकार में आए तो 15 लाख प्लाट देंगे और 15 लाख मकान। कांग्रेस पार्टी के दफ्तरों के बाहर भीड़ लग गई थी और फार्म भरा जाने लगा था। इस संबंध में आपको गूगल करने पर अर्जुन मोदवादिया का बयान मिलेगा।

2012 के अगस्त महीने में मिंट अख़बार के मौलिक पाठक ने इस पर रिपोर्ट करते हुए लिखा था कि दो दिन के भीतर कांग्रेस की इस योजना के तहत 30 लाख फार्म भर दिए गए थे। मौलिक पाठक ने लिखा कि गुजरात हाउसिंग बोर्ड ने पिछले दस साल में एक भी स्कीम लांच नहीं की है। उससे पहले कोई 1 लाख 70,000 घर बनाए हैं। कांग्रेस की इस योजना के दबाव में आकर गुजरात हाउसिंग बोर्ड ने 6,300 नए घरों की स्कीम लांच कर दी। तब इसके जवाब में गुजरात हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन ने कहा था कि पहले मांग नहीं थी। अब मांग हो रही है तो यह योजना आई है। दस साल तक गुजरात में किसी को घर की ज़रूरत ही नहीं पड़ी!

मिंट की रिपोर्ट में दिया गया है कि 2001 से लेकर 2012 तक इंदिरा आवास योजना के तहत 9,14,000 घर बने थे। सरदार आवास योजना के तहत 3 लाख 52,000 घर बने। इसी रिपोर्ट में बीजेपी के प्रवक्ता आई के जडेजा ने कहा था कि मोदी जी ने 11 साल में साढ़े बारह लाख घर बनाए हैं। कांग्रेस ने 40 साल में 10 लाख ही घर बनाए थे।

3 दिसंबर 2012 के किसी भी प्रमुख अख़बार में यह ख़बर मिल जाएगी। बीजेपी का संकल्प पत्र पेश करते हुए मुख्यमंत्री के तौर पर संकल्प पत्र पेश करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि 5 साल में 30 लाख नौजवानों को नौकरी देंगे। गांव और शहरों के ग़रीबों के लिए 50 लाख घर बना कर देंगे। गुजरात में क्या वे 30 लाख नौजवान सामने आ सकते हैं जिन्हें नौकरी मिली है या घर मिले हैं? क्या इस चुनाव में वे इसकी बात करेंगे?

तब मोदी ने कहा था कि कांग्रेस ने 40 साल में घटिया क्वालिटी के 10 लाख घर ही बनाए। बीजेपी ने दस साल में 22 लाख घर बनाए। अभी ठीक एक पैराग्राफ पहले आप बीजेपी प्रवक्ता का बयान देखिये। दस साल में साढ़े बारह लाख घर बने हैं। मुख्यमंत्री मोदी कह रहे हैं कि 22 लाख घर बने हैं। दस लाख की वृद्धि हो जाती है।

8 दिसंबर 2012 के इंडियन एक्सप्रेस में अजय माकन का बयान छपा है। वे तब केंद्र में शहरी विकास मंत्री थे। माकन कह रहे हैं कि 5 साल में 50 लाख घर बनाने की योजना असंभव है। यही बात केशुभाई पटेल ने भी कही थी। माकन ने तब कहा था कि बीजेपी सरकार ने 7 साल में मात्र 53, 399 घर ही अलाट किए हैं। अगर आप ज़मीन की कीमत निकाल भी दें, तो भी 50 लाख घर बनाने में 2 लाख करोड़ की लागत आएगी। इतना पैसा कहां से आएगा?

5 साल बीत रहे हैं। नरेंद्र मोदी इस बीच मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री हो चुकी हैं। 2012 के जनादेश के एक हिस्से में यानी 2012-14 के बीच मुख्यमंत्री और 2014 से 2017 के बीच प्रधानमंत्री। यानी वे यह भी नहीं कह सकते कि दिल्ली की सल्तनत ने ग़रीबों के आवास के लिए पैसे नहीं दिए। वे चाहें तो दो मिनट में बता सकते हैं कि किन किन लोगों को 50 लाख घर मिले हैं और वे घर कहां हैं।

30 मार्च 2017 के इकोनोमिक टाइम्स में कोलकाता से एक ख़बर छपी है। तब शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू थे। इस खबर के अनुसार 2015 में लांच हुई प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गुजरात में सबसे अधिक 25, 873 घर बनाए हैं। यह देश में सबसे अधिक है। आप सोचिए, 2015 से 2017 के बीच 25, 873 घर बनते हैं तो इस दर से क्या 2012 से 2017 के बीच 50 लाख घर बने होंगे? 50 लाख छोड़िए, पांच लाख भी घर बने हैं?

28 अगस्त 2017 के इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर है। मोदी सरकार ने शहरी ग़रीबों के लिए 2 लाख 17 हज़ार घर बनाने की योजना को मंज़ूरी दी है। इसके तहत गुजरात में 15, 222 घर बनने हैं। मोदी सरकार ने अभी तक देश भर में 26 लाख 13 हज़ार घर बनाने की मंज़ूरी दी है जिस पर 1 लाख 39 हज़ार करोड़ ख़र्च आने हैं।

अब आप ऊपर दिए गए अजय माकन के बयान को फिर से पढ़िए। माकन कह रहे हैं कि ज़मीन का दाम भी हटा दें तो भी 50 लाख घर बनाने में 2 लाख करोड़ चाहिए। यहां मोदी पूरे देश के लिए 50 लाख नहीं बल्कि उसका आधा यानी 26 लाख घर बनाने के लिए 1 लाख 39 हज़ार करोड़ की बात कर रह हैं। तो पचास लाख घर का हिसाब दो लाख से भी ज़्यादा बैठता है। वो भी एक राज्य के लिए, यहां मोदी 2022 तक इस योजना के तहत सबको घर देना चाहते हैं, यह योजना पूरे देश के लिए है।

18 जून 2015 की हिन्दू की ख़बर पढ़िए। 2022 के लिए यानी 2015 से 2022 तक के लिए दो करोड़ घर बनाने के लक्ष्य का एलान हुआ है। हर परिवार को पक्का घर मिलेगा। दो साल बाद मोदी कैबिनेट 26 लाख घर बनाने की मंज़ूरी देती है। आप राजनीति समझ रहे हैं या हिसाब समझ रहे हैं या लाफ्टर चैलेंज का कोई लतीफा सुन रहे हैं?

क्या गुजरात में बीजेपी ने 2012-12017 के बीच 50 लाख घर बना कर दिए? हमारे पास इसका कोई न तो जवाब है न ही प्रमाण। गूगल में बहुत ढूंढा। 28 अगस्त 2016 को कांग्रेस नेता हिमांशु पटेल का बयान है। हिमांशु आरोप लगा रहे हैं कि बीजेपी ने 20 प्रतिशत भी घर बनाकर नहीं दिए हैं।

आप कहेंगे कि बीजेपी ही चुनाव जीतेगी। बिल्कुल जीतेगी। मगर क्या वो जीत और भी शानदार नहीं होती अगर पार्टी या प्रधानमंत्री मोदी अपने वादे का हिसाब दे देते? बता देते कि 50 लाख घर कहां हैं? 30 लाख रोज़गार कहां हैं?

मैं अभी भी गूगल सर्च कर रहा हूं, कुछ न कुछ तो घर बने ही होंगे, मिल ही जाएंगे, आपको पता चले तो आप भी बताइयेगा। GUJRAT HOUSING BOARDS की वेबसाइट से एक आंकड़ा मिा है। विभिन्न आय श्रेणियों में 21,920 घर बन रहे हैं या बने हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि 50 लाख घर किन किन योजनाओं के तहत बनने वाले थे, इसलिए बेहतर है कि सरकार ही जवाब दे।

By Editor


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