आज 16 अक्टूबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस है. देश के तमाम नेता पत्रकारों को बधाई दे रहे हैं. बेबाक पत्रकारिता और प्रेस की स्वतंत्रता के लिए वे नेता भी बधाई दे रहे हैं जिन पर प्रेस को गुलाम बना देने का आरोप है. और वह भी दे रहे हैं जिन्हें प्रेस संस्थानों की आजादी खतरे में दिख रही है.
प्रधानमंत्री ने पत्रकारों, रिपोर्टरों और कैमरा पर्सन्स की तारीफ करते हुए कहा कि वे कठिन और चुनौतीपर्ण काम करते हैं. उन्होंने बधाई देते हुए कहा कि बेआवाज लोगों को आवाज देने का काम प्रेस करता है.
वहीं ममता बनर्जी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि मैं उन पत्रकारों को बधाई देती हूं जो बेखौफ हो कर काम करते हैं और लोकतंत्र को मजबूत बनाते हैं.
केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि प्रेस से जुड़े लोग लोग लोकतंत्र को सुदृढ करने का काम करते हैं. वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमण सिंह ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता और जिम्मेदार पत्रकारिता जम्हुरियत के लिए बहुत जरूरी है.
नवीन जिंदल ने कहा कि मैं उन पत्रकारों को सैलूट करता हूं जो ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं.
वहीं गीतिका स्वामी ने लिखा कि हमें फ्री और ईमानदार पत्रकारिता की जरूरत है. उस पत्रकारिता की नहीं जो कुछ पार्टियों के माउथ पीस बन बैठे हैं. उन्होंने लिखा की यह दुर्भाग्य है कि मीडिया संस्थान पेड न्यूज संस्थान बनते जा रहे हैं.
रवींद्र जडेडा ने लिखा कि अपनी जान को जोखिम में डाल कर ईमानदार पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों को सलाम. IAS निधि चौधरी ने कामना की है कि भारतीय प्रेस लोकतंत्र को हर आने वाले दिन में मजबूत करता रहेगा.