जमुई जेल में बंद खूनख्वार नकस्ली व संगीन अपराधों के आरोपी जमुई जेल में हजामत बनाने का कारोबार कर रहे हैं. इस तरह उन्हें कमाई का एक जरिया मिल गया है.
मुकेश कुमार,जमुई
यह विक्लप उन बंदियों को इस लिए मिल गया है कि जेल में हजामत बनाने वाले कारीगर नहीं हैं. जेल प्रबंधन द्वारा नाई की व्यवस्था नहीं करने के कारण कैदियों को जेल में बंदी नक्सली लक्ष्मण ठाकुर और अपराधी जितेंद्र ठाकुर के चलते-फिरते सैलून का सहारा लेना पड़ रहा है।
नक्सली लक्ष्मण ठाकुर और बंदी अपराधी जितेंद्र ठाकुर आपराधिक मामले में जमुई जेल में बंद है।सूत्र बताते है कि जेल प्रशासन द्वारा लंबे समय से नाई की व्यवस्था नहीं किये जाने के कारण यहां बंदी कैदियों को अपनी हजामत बनाने के लिए शेविंग के बदले बीस रुपये और हेयर कटिंग के लिए तीस रुपये की राशि अदा करनी पड़ती है।
वैसे तो दैनिक दिनचर्या का यह कार्य करवाने की पूरी जवाबदेही जेल प्रशासन की होती है।बताते चले की जेल में बंदी अपराधी जितेंद्र ठाकुर सिकंदरा निवासी ललन ठाकुर का पुत्र है।जिसके विरुद्ध संगीन आपराधिक मामले दर्ज है।
वही पुलिस मुठभेड़ में मारे गये शीर्ष नक्सली लीडर मंटू खैरा का सहयोगी नक्सली लक्ष्मण ठाकुर सोनो थाना क्षेत्र के दहियारी गांव का निवासी है। पुलिस ने उसे विगत 22 मार्च,2017 को जख्मी अवस्था में उसके गांव से गिरफ्तार किया था।पुलिस का मानना था कि नक्सली लीडर मंटू खैरा के साथ हुई मुठभेड़ में तीन अन्य नक्सलियों को भी गोली लगी थी।जिसमें नक्सली लक्ष्मण ठाकुर भी शामिल था।
फिलवक्त में नक्सली लक्ष्मण ठाकुर और अपराधी जितेंद्र ठाकुर अपने पेशे का इस्तेमाल कर जेल में बंद कैदियों की हजामत करके अपनी कमाई कर रहे है।एक ओर जहां संपन्न कैदी चलते-फिरते सैलून में शेविंग व हेयर कटिंग की सुविधा का मजे से आनंद ले रहे है,वही दूसरी ओर गरीब-गुरबे तबके के बंदी कैदियों के लिए चलते-फिरते सैलून का रेट महंगा होने के कारण उनके लिये हजामत बनवाना मुश्किल कार्य हो गया है।
*जेल की सुरक्षा पर उठ रहे है सवाल*
आपको बता दे कि जिस तरह से नक्सली लक्ष्मण ठाकुर और अपराधी जितेंद्र ठाकुर का चलता – फिरता सैलून जेल के अंदर संचालित हो रहा है,उससे जेल की सुरक्षा पर सवालिया निशान उठने लगे है। आखिर जेल के अंदर कैसे मिल जाती है ब्लेड ! आपको बता दे की वर्ष 2009 में तत्कालीन एसपी,विनय कुमार के कार्यकाल में जमुई कोर्ट परिसर से नक्सली व अपराधी मिर्च की गुड़ी फेककर बम का धमाका करते हुए भाग निकले थे।वही 4 जून 2014 को जमुई कोर्ट हाजत से पांच बंदी अपराधी बाथरूम में सुराख कर भागने में सफल हुए थे।