पुलिस जवानों द्वारा दिये गये सर्वोच्च बलिदान के सम्मान में आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र को राष्ट्रीय पुलिस स्मारक (एनपीएम) समर्पित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज समय पर लक्ष्यों को प्राप्त करने की कार्यसंस्कृति विकसित की गई है. मालूम हो कि स्मारक का निर्माण शांतिपथ के उत्तरी छोर पर चाण्क्यपुरी में 6.12 एकड़ भूमि पर किया गया है. यह पुलिस स्मारक सभी राज्य/ केन्द्र शासित प्रदेश पुलिस बलों एवं केन्द्रीय पुलिस संगठनों का प्रतिनिधितत्व करता है.
नौकरशाही डेस्क
इस स्मारक के निर्माण में हुई देरी के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस को जिम्मेवार ठहराया और कहा कि आज मुझे राष्ट्रीय पुलिस मेमोरियल पर गर्व है, लेकिन कुछ सवाल भी हैं. आखिर इस मेमोरियल को अस्तित्व में आने में आज़ादी के 70 वर्ष क्यों लग गए? उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि कानूनी वजहों से कुछ वर्ष काम रुका, लेकिन पहले की सरकार की इच्छा होती, उसने दिल से प्रयास किया होता, तो ये मेमोरियल कई वर्ष पहले ही बन गया होता. लेकिन पहले की सरकार ने आडवाणी जी द्वारा स्थापित पत्थर पर धूल जमने दी.
उन्होंने कहा कि 2014 में जब फिर NDA की सरकार बनी तो हमने बजट आवंटन किया और आज ये भव्य स्मारक देश को समर्पित की जा रही है. ये हमारी सरकार के काम करनेका तरीका है. आज समय पर लक्ष्यों को प्राप्त करने की कार्यसंस्कृति विकसित की गई है. इससे पहले पीएम ने ये भी कहा कि देश के हर राज्य में, हर पुलिस स्टेशन, हर पुलिस चौकी में तैनात, राष्ट्र की हर संपदा की सुरक्षा में जुटे साथियों को, राहत के काम में जुटे साथियों को, आप सभी को, भी मैं बधाई देता हूं.
पीएम ने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि आज का ये दिन आप सभी की सेवा के साथ-साथ, आपके शौर्य और उस सर्वोच्च बलिदान को याद करने का है, जो हमारी पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स की परिपाटी रही है. ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे राष्ट्र सेवा और समर्पण की अमर गाथा के प्रतीक,राष्ट्रीय पुलिस मेमोरियल को देश को समर्पित करने का अवसर मिला है. देश के नक्सल प्रभावित जिलों में जो जवान अभी ड्यूटी पर तैनात हैं, उनसे भी मैं यही कहूंगा कि आप बेहतरीन काम कर रहे हैं और शांति स्थापना की दिशा में आप तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं. नॉर्थ ईस्ट में डटे हमारे साथियों का शौर्य और बलिदान भी अब शांति के रूप में दिखने लगा है. शांति और समृद्धि का प्रतीक बन रहे हमारे उत्तर-पूर्व के विकास में आपका भी योगदान है.