NDA Seat Sharing फार्मुला पर केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा पलीता लगा सकते हैं. एक प्रेस कांफ्रेंस में कुशवाहा ने ऐसा बयान दे दिया है जिससे भाजपा गठबंधन में हलचल मचा दिया है.
शुक्रवार को राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी के अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए में सीट Seat Sharing का फार्मुला सामने आने के एक दिन बाद प्रेस कांफ्रेंस किया है. उन्होंने जहां एक तरफ दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को गोलबंद करने के लिए पैगाम ए खीर अभियान छेड़ने की घोषणा की वहीं अपने एक गंभीर आरोप से एनडीए की सीट शेयरिंग फार्मुला को पलीता लगाने की कोशिश भी की.
कुशवाहा ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि NDA के अंदर कुछ शक्तियां ऐसी हैं जो नरेंद्र मोदी को 2019 में प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं देखना चाहती. कुशवाहा ने इतना बड़ा आरोप लगाते हुए किसी व्यक्ति का नाम तो नहीं लिया पर इसका एक स्पष्ट संदेश जरूर है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कुशवाहा का यह बयान तब आया है जब उनके दल को NDA गठबंधनमहज दो सीट देने का संकेत दे चुका है.
NDA Seat Sharing पर सीधा हमला नहीं करते कुशवाहा
हालांकि कुशवाह लगातार नीतीश कुमार और एनडीए के खिलाफ बोलते रहे हैं लेकिन अभी तक उन्होंने कभी यही नहीं कहा कि उनकी पार्टी एनडीए छोड़ेगी लेकिन उन्होंने परोक्ष रूप से कई बार गठबंधन कोमुशअकिल में डालने वाला बयान दिया है.
याद रहे कि पिछले दिन यह खबर आयी थी कि भाजपा अकले 20 सीट पर चुनाव लड़ेगी जबकि एनडीए के नये सहयोगी जदयू को 12 सीट मिलेगी. कुशवाहा की पार्टी को मात्र 2 सीट पर सिमटना पड़ेगा. इसी तरह रामविलास पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी को पांच सीट दी जायेगी. 2014 चुनाव में रालोसपा ने चार सीट पर चुनाव लड़ा था जबकि पासवान की पार्टी ने 7 सीट पर चुनाव लड़ा. इस तरह कुशवाहा को दो सीट का नुकसान उठाना पड़ सकता है. एक सीट रालोसपा के बागी नेता अरुण कुमार को मिलेगी. अरुण पहले रालोसपा में थे.
हालांकि कुशवाहा ने प्रेस कांफ्रेंस में सीधे तौर पर अपनी नाराजगी जाहिर नहीं की. क्योंकि सीट शेयरिंग के फार्मुले की अभी औपचारिक घोषणा होना बाकी है. इसलिए समझा जा रहा है कि कुशवाहा ने NDA गठबंधन के अंदर दबाव बनाने की राजनीति के तहत बयान देते हुए कहा है कि कुछ लोग नरेंद्र मोदी को दोबारा पीएम देखना नहीं चाहते.