NHRC की टीम बिहार पहुंची, नीतीश ने पूछा गुजरात क्यों नहीं गए
सारण में जहरीली शराब से मौत की जांच के लिए NHRC की टीम बिहार पहुंच गई है। राज्यसभा में Manoj jha ने जताया विरोध। नीतीश बोले भेधभाव कर रहा केंद्र।
केंद्रीय एजेंसी मानवाधिकार आयोग बिहार पहुंच गया है। आयोग की दस सदस्यों वाली भारी भरकम टीम सारण में जहरीली शराब से मौत मामले की जांच करेगी। NHRC की टीम के बिहार पहुंचने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र की मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि गुजरात, कर्नाटक जैसे भाजपा शासित राज्यों में भी जहरीली शराब से मौत हुई है, बल्कि देश में सबसे ज्यादा मौतें भाजपा शासित राज्यों में हुई, लेकिन मानवाधिकार आयोग (NHRC) की कोई टीम कभी उन राज्यों में नहीं गई।
उधर राज्यसभा में राजद सांसद मनोज कुमार झा ने भी बिहार के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए सदन में मामला उठाया। उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से मौत मामला मानवाधिकार का सवाल कैसे बन गया। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के बयान कि इनका बस चले तो देश को बिहार बना दें, पर सांसद ने कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि ये बयान पूरे बिहार और निवासियों का अपमान है। सदन में पीयूष जी को माफी मांगनी चाहिए।
जदयू नेताओं ने भी सवाल किया कि जहरीली शराब से मौत का मामला किस प्रकार मानवाधिकार का मामला है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी एक दिन पहले लोकसभा में यही सवाल उठाया और कहा कि पहले मानवाधिकार आयोग गुजरात में जहरीली शराब से मौत की जांच करे, फिर बिहार आए। हालांकि उनके विरोध के बावजूद केंद्रीय एजेंसी बिहार पहुंच गई है।
जदयू ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा बिहार की महागठबंधन सरकार को बदनाम के लिए परेशान है। इसीलिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। इस बीच मानवाधिकार आयोग की टीम सारण सदर अस्पताल से लेकर मरने वालों के गांव तक जा रही है और लोगों से पूछताछ कर रही है।
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