मीडिया नहीं बता रहा कि जिसके घर आतंकी गतिविधियों की जांच करने वाली एजेंसी ने छापा मारा वह NDA के नेता हैं.
नौकरशाही डॉट कॉम
आतंकी गतिविधियों की तफ्तीश करने वाली एजेंसी एनआईए ने गुरुवार को हुलास पांडेय के अनेक ठिकानों पर छापामारी की. पटना स्थित पटेल नगर आवास पर लगातार चार घंटे छापामारी जारी रही. यह छापामारी अवैध एके 47 राइफलों की सप्लाई मामले में हुई. खबर है कि हुलास पांडेय के घर से राइफल बरामद भी हुई है. इस मामले में संतोष पांडेय को हिरासत में लिया गया है. उधर हुलास के भाई सुनील पांडेय ने दावा किया है कि यह राइफल है और संतोष पांडेय के नाम पर इसका लाइसेंस भी है. जबकि लाइसेंस दिखाने में संतोष असफल रहे.
आपको बता दें कि सुनील पांडेय और हुलास पांडेय दोनों भाई हैं. सुनील जदयू के एमलसी रह चुके हैं जबकि हुलास लोकजन शक्ति पार्टी के नेता हैं.
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हुलास पांडेय NDA के घटक दल लोकजनशक्ति पार्टी से जुड़े हैं. हुलास पांडेय की वेबसाइट पर जो जानकारी दी गयी है उसमें कहा गया है कि हुलास लोकजनशक्ति पार्टी के प्रदेश महासचिव हैं. वह 2009 से ले कर 2015 तक विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं.
लेकिन मुख्यधारा के अखबारों ने अपनी खबर में यह नहीं बताया है कि हुलास पांडेय किस दल के नेता हैं. मीडिया द्वारा इस तथ्य को छुपा लेने पर मीडिया की ईमानदारी पर सवाल उठना स्वाभाविक है.
गौरतलब है कि एनआईए यानी नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी को इनपुट मिली थी कि मुंगेर में अवैध रूप से बनने वाली एक47 राइफलों की सप्लाई जिन नेताओं को हुई थी उनमें से एक हुलास पांडेय भी हैं. याद रहे कि पिछले छह महीनों में एजेंसी ने दर्जन भर से अधिक राइफलें बरामद की हैं. एनआई ने छापेमारी के बाद पत्रकारों से बातचीत नहीं की. जब पत्रकारों ने उनसे पूछा तो अधिकारियों ने कुछ बताने से इनकार कर दिया.
उधर हुलास पांडेय के भाई सुनील पांडेय ने सफाई दी है कि जो राइफिल एनआईए ने जब्त की है वह लाइसेंसी है और लाइसेंस रिनुअल के लिए भेजा गया है.