निकहत जरीन ने इतिहास रचा, फिर भी न कोई पुरस्कार, न सम्मान
कभी मैरी कॉम पर पुरस्कारों और सम्मान की बरसात हुई थी, आज उसी देश में निकहत जरीन के लिए पुरस्कारों का सूखा क्यों है? आखिर जरीन ने भी देश का मान बढ़ाया है..।
निकहत जरीन ने विश्व बॉक्सिंग प्रतियोगिता में गोल्ड जीत कर देश मान बढ़ाया। वह विश्व चैंपियन बनी है, लेकिन सबने ट्विटर पर बधाई देकर लगता है, उन्हें भुला दिया। क्या आपको याद है कि मैरी कॉम ने जब विश्व कप में ब्रॉन्ज जीता था, तब क्या माहौल था?
इसमें कोई शक नहीं कि मैरी कॉम महान खिलाड़ी रही हैं। उनकी उपलब्धियों की बराबरी करना असंभव तो नहीं, पर बेहद कठिन है। वह असाधारण खिलाड़ी रही हैं। देश ने ठीक ही उन पर पुरस्कारों और सम्मान की बारिश की। मणिपुर सरकार ने तब 75 लाख रुपए दिए थे। साथ ही उन्हें प्रोन्नति देते हुए पुलिस अधीक्षक (खेल) बनाया था। मेरी कॉम द्वारा स्थापित खेल एकेडमी को दो एकड़ जमीन भी सरकार ने दी थी। 2016 में केंद्र सरकार ने उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किया था। केरल सरकार ने भी सम्मान और पुरस्कार दिए थे। इसके अलावा कई कॉरपोरेट घरानों ने पुरस्कार और सम्मान दिए थे।
सवाल यह है कि निकहत ने भी देश का मान बढ़ाया, पर उनके लिए किसी राज्य सरकार ने, केंद्र सरकार ने अबतक कोई पुरस्कार या सम्मान की घोषणा क्यों नहीं की? आखिर उन्होंने भी देश का मान बढ़ाया है! यहां तक कि उनके अपने प्रदेश तेलंगाना की सरकार ने भी कोई पुरस्कार देने की घोषणा नहीं की है।
हां, तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) ने निकहत जरीन को पांच लाख रुपए पुरस्कार स्वरूप देने का एलान जरूर किया है। टीपीसीसी ने तेलंगाना सरकार से मांग की है कि पीवी सिंधु, साइना नेहवाल और सानिया मिर्जा की तरह निकहत जरीन को भी पुरस्कार और सम्मान दिए जाएं। चलिए, सरकारों ने भले ही ही सम्मान न दिया हो, पर आम नागरिकों की नजर में निकहत की कामयाबी शानदार है।
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