गडकरी पहुंचे महाराष्ट्र, भाजपा से डरी शिवसेना
महाराष्ट्र में सरकार निर्माण की उठापठक के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी गुरुवार को होने वाली अपनी सभी बैठकों को रद्द कर दिल्ली से नागपुर पहुंचे. वहीँ शिवसेना को भी भाजपा से डर बना हुआ है कि कहीं भाजपा उनके विधायकों को तोड़ कर अपने समर्थन में न ले ले.
रवि कांत की रिपोर्ट
महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार बनाने की खींचतान के बीच पहली बार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने चुप्पी तोड़ते हुए साफ़ कहा है कि सरकार बनाने को लेकर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने इस दौरान मुख्यमंत्री (Chief Minister) पद को लेकर चल रही अटकलों और बयानबाजियों के जवाब में कहा कि सरकार का गठन देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadanvis) के नेतृत्व में ही किया जाएगा.
अब शिवसेना ने बढ़ाई भाजपा की मुश्किल
साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) और संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) का इससे कोई भी संबंध नहीं है.
विधायकों को होटल में नहीं किया शिफ्ट: राउत
शिवसेना विधायकों को रिजॉर्ट में शिफ्ट किए जाने की खबरों को संजय राउत ने खारिज कर दिया. राउत ने कहा, ‘हमें ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है. हमारे विधायक दृढ़ और पार्टी के प्रति समर्पित हैं. जो ऐसी अफवाहें फैला रहे हैं उन्हें पहले अपने विधायकों की चिंता करनी चाहिए.’
भाजपा कर रही खरीद-फरोख्त : शिवसेना
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए सिर्फ 2 दिन का समय बचा है. भाजपा की ओर से ऑफ़र दिए जाने के बावजूद शिवसेना अपने रुख पर अड़ी है. शिवसेना की ओर से संजय राउत ने गुरुवार को कहा कि राज्य में अगला मुख्यमंत्री उनकी ही पार्टी का होगा.
बीजेपी की सहयोगी दल शिवसेना से तकरार बढ़ी
राउत ने कहा था कि शिवसेना को देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री के तौर पर किसी भी हाल में स्वीकार नहीं हैं.
इससे पहले शिवसेना और बीजेपी की तल्खी उस वक्त बढ़ती दिखी जब शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में बीजेपी पर खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए.