मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवादा में सभा को संबोधित करते हुए एक बार फिर से भाजपा के चार सौ पार के नारे की जगह चार हजार सांसद जिताने की अपील कर दी। हालांकि वे पहली बार अब लिखित भाषण दे रहे हैं, इसके बावजूद चार हजार सांसद कह दिया। मंच पर टोके जाने के बाद कहा गलती हो गई। इधर राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि भाजपा के लोग अब मुख्यमंत्री को मंच पर बैठाने से डर रहे हैं। वे मंच पर बैठाने का रिस्क नहीं लेना चाहते।
इस चुनाव में पहली बार नीतीश कुमार बस से चुनाव प्रचार पर निकलेंगे, जिस पर लिखा हुआ है नौकरी मतलब नीतीश सरकार। इसे भी राजद की नकल बताया जा रहा है। राजद ने ही सबसे पहले कहा था कि तेजस्वी यादव की सरकार मतलब नौकरी वाली सरकार। तेजस्वी यादव ने कई सभाओं में याद दिलाया कि जब वे 2020 में दस लाख नौकरी देने की बात करते थे, तो नीतीश कुमार कहते थे कि बेकार की बात है। पैसा कहां से लाएगा। बाप के यहां से लाएगा क्या।
खबर है कि भाजपा नेतृत्व नहीं चाहता कि मुख्यमंत्री सभा करें, भाषण दें। भाजपा चाहती है कि नीतीश कुमार बस से यात्रा करके रोड शो करें। रोड शो में भाषण नहीं होता। समझ यह है कि पता नहीं फिर कुछ ऐसा बोल दें, जिससे इंडिया गठबंधन को फायदा मिल जाए। हालांकि नीतीश कुमार ने हर बार की तरह फिर वही भाषण दिया कि 15 साल पहले कुछ नहीं था। लोग शाम होने के बाद घर से नहीं निकलते थे। जो किया हमने किया।
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इधर तेजस्वी यादव ने जन सभाओं को संबोधित करते हुए कहा हार देख भाजपाई अब कह रहे है- ऊपर देखो, ऊपर। बोलते है देश का चुनाव है। अरे भाई ये बताइए- गाँव, पंचायत, प्रखंड, जिला, लोकसभा क्षेत्र और प्रदेश से ही ना देश बनता है? भारत की आत्मा गांवों में बसती है। जब तक हमारा गाँव, जिला, क्षेत्र और प्रदेश ही ख़ुशहाल, समृद्ध और विकसित नहीं होगा तो देश कैसे आगे बढ़ेगा? जब तक हमारे गाँव,जिला और प्रदेश में बेरोजगारी, गरीबी और पिछड़ापन रहेगा तब तक देश आगे कैसे बढ़ सकता है? मतलब अपने घर में साफ़-सफाई कर उसे व्यवस्थित मत करो लेकिन अपने गाँव-जिला और क्षेत्र बैठ यहीं से ऊपर वालों की सफाई में मदद करो ताकि वो अपने “घर और गृह” की मदद कर सकें। यहीं ना??