जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव के मोड में देश आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे नीतीश कुमार के तेवर बदलते जा रहे हैं. उन्होंने अब बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को जोरदार तरीके से उठाया है.
नीतीश की इस मांग पर पिछले चार साल से खामोश नरेंद्र मोदी सरकार को अब अपनी स्थिति स्पष्ट करनी पड़ सकती है.
प्रेस को जारी अपने दो पेज के लम्बे बयान में वित्त आयोग के समक्ष अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि बिहार को हर हाल में विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए.
नीतीश ने कहा है कि जिस तरह से राज्य का बंटवारा हुआ और बिहार के हिस्से प्राकृतिक संसाधन कम हुए, केंद्रऔर राज्यों के कर वितरण, जनसंख्या और भूभाग जैसे महत्ववपूर्ण कारकों को ध्यान में रख कर बिहार की मांग को स्वीकार किया जाना चाहिए.
नीतीश कुमार ने साथ ही इस बात को भी सामने रखा है कि बिहार अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे होने के कारण भी विशेष सहायता का हकदार है
गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि उनकी सरकार बनी तो बिहार को विशेष दर्जा दिया जायेगा. उन्होंने यही दावा 2015 के विधान सभा चुनाव प्रचार के दौरान भी किया. उन्होंने तो एक सभा में बोली लगाते हुए बिहार के वोटरों से पूछा था कि बोलो बिहार को कितने हजार करोड़ दे दूं. और फिर उन्होंने एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा देने की घोषणा भी कर दी. पर आज तक वह वादा पूरा नहीं हुआ.