बिहार विधानसभा चुनाव में एक साल की देरी है, लेकिन एनडीए में अचानक घमासान छिड़ गया है। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने ताल ठोकते हुए कहा कि नीतीश कुमार कभी छोटे भाई नहीं रहे। बड़े भाई थे और हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव का आंकड़ा बताया और कहा कि हमने भाजपा से ज्यादा सीटें जीती हैं। इसके साथ ही लोकसभा सीटों के भीतर विधान सभा क्षेत्रों को देखें, तो प्रदेश में सबसे अधिक विस क्षेत्रों में आगे रहने वाली पार्टी जदयू ही है। उन्होंने यह भी दावा ठोक दिया कि विधानसभा चुनाव में जदयू और भाजपा बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। कुशवाहा के दावे से भाजपा में हड़कंप है।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि हाल में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा और जदयू के बराबर-बराबर सीटों पर लड़ना था, लेकिन उपेंद्र कुशवाहा के साथ आ जाने से जदयू ने अपनी एक सीट छोड़ दी। कहा कि लोकसभा चुनाव में बिहार के 177 विधानसभा क्षेत्रों में एनडीए आगे था। इनमें सबसे ज्यादा जदयू 74 सीटों पर आगे था। भाजपा को 68 विधानसभा सीटों पर पर बढ़त थी, जबकि 29 सीटों पर चिराग पासवान की पार्टी आगे थी। जीतनराम मांझी की पार्टी केवल छह सीटों पर आगे थी। उपेंद्र कुशवाहा किसी सीट पर आगे नहीं रहे थे।
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अभी तक माना जरा रहा था कि विधानसभा चुनाव में भाजपा की ही चलेगी। अभी औपचारिक बातचीत शुरू भी नहीं हुई है, लेकिन जदयू ने अपनी दावेदारी ठोक दी है। जदयू की दावेदारी को सोची-समझी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। बिहार में सबसे ज्यादा लोकसभा सीट जीतने के बाद भी केंद्र में जदयू को सिर्फ एक कैबिनेट मिनिस्टर का पद मिला। जदयू ने कोई दबाव भी नहीं बनाया था, लेकिन जैसे ही विधानसभा चुनाव की चर्चा शुरू हुई, पार्टी ने आगे बढ़ कर अपना दावा कर दिया है। अब भाजपा को जवाब देना है। इसके साथ ही चिराग पासवान के लिए भी मुश्किल बढ़ गई है। अब वे बिहार में कोई बड़ी दावेदारी करने सी स्थिति में नहीं है। भाजपा ने वैसे भी उनके चाचा पारस को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है।