विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में आग लगी है, बढ़ते अपराध से लोग त्रस्त हैं, भ्रष्टाचार चरम पर है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार न मीडिया से बात कर रहे हैं और न ही जनता से संवाद कर रहे हैं। उन्हें चंद अधिकारियों ने गिरफ्त में ले लिया है। उन्हें सिर्फ उद्घाटन और शिलान्यास में ले जाया जाता है और स्थानीय जन प्रतिनिधियों से भी नहीं मिलने दिया जाता। तेजस्वी यादव ने इशारों में उनके स्वास्थ्य पर फिर से सवाल खड़ा किया है और कहा कि बिहार बर्बाद हो रहा है।
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया एक्स पपर लिखा- बिहार में प्रतिदिन हत्याएं हो रही है। दलितों के घर जलाए जा रहे है। लूट,अपहरण और फिरौती की घटनाएं हो रही है। बच्चियों और महिलाओं के साथ बलात्कार हो रहे है। कानून व्यवस्था बदहाल है, अपराधी बेलगाम है। थाना व ब्लॉक में व्याप्त भ्रष्टाचार से जनता त्रस्त है। पुलिस शराबबंदी के नाम पर धन शोधन में व्यस्त है। लेकिन इन सब ज्वलंत मुद्दों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौन है, निष्क्रिय है। चंद अधिकारी केवल उन्हें अर्धनिर्मित एवं निर्माणाधीन योजनाओं के निरीक्षण, उद्घाटन और शिलान्यास के लिए लेकर जाते है ताकि यह लगे की सब ठीक है। अगर सब सही है तो फिर मुख्यमंत्री मीडिया और जनता से संवाद क्यों नहीं करते? मुख्यमंत्री जिस क्षेत्र और जिला में जाते है तो वहाँ के स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित क्यों नहीं किया जाता? विभागीय मंत्री साथ क्यों नहीं होते? CM स्थापित लोकतांत्रिक मर्यादाओं, परंपराओं और मूल्यों का ह्रास कर रहे है।
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हाल में मुख्यमंत्री योजनाओं का उद्घाटन करने आरा गए थे। वहां स्थीवीय सांसद और विधायकों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन किसी को मुख्यमंत्री के निकट नहीं जाने दिया गया। पुलिस न सांसद तक को धक्का देकर कार्यक्रम स्थल से बाहर कर दिया। बड़ी संख्या में गरीब-गुरबे भी जमा हुए थे, लेकिन मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने किसी से बात नहीं करने दी। बिहार कैसे चल रहा है, यह मुख्यमंत्री को पता ही नहीं है। नवादा में दलित बस्ती जला दी गई, लेकिन मुख्यमंत्री ने स पर कुछ नहीं कहा।