नीतीश की गले की हड्डी बना आंदोलन, कई जिलों में इंटरनेट बंद
अग्निपथ के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन का बिहार केंद्र बन गया है। नीतीश युवा के साथ भी दिखना चाहते हैं और केंद्र के साथ भी। कई जिलों में बंद की इंटरनेट सेवा।
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना के खिलाफ आंदोलन देशभर में चल रहा है और उसका केंद्र बिहार बन गया है। राज्य में नीतीश कुमार की सरकार भारी दुविधा में फंस गई है। वह युवा आंदोलन के खिलाफ भी नहीं दिखना चाहती और केंद्र की मोदी सरकार को भी नाराज नहीं करना चाहती। आज सुबह से सोशल मीडिया पर भाजपा समर्थक नीतीश कुमार पर भड़ांस निकाल रहे थे। वे आंदोलनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। शाम होते-होते नीतीश सरकार ने राज्य के दर्जनों जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी।
जिन जिलों में इंटरनेट सेवा बंद की गई है, उनमें कैमूर, भोजपुर, औरंगाबाद, सारण, वैशाली, प. चंपारण, नवादा, समस्तीपुर, लखीसराय, रोहतास और बक्सर शामिल हैं। इंटरनेट सेवा 19 जून तक के लिए बंद कर दी गई है।
इधर विपक्ष ने कल 18 जून को बिहार बंद का एलान कर दिया है। इंटरनेट सेवा बंद करने से आंदोलनकारियों को आंदोलन की खबर नहीं मिल सकेगी। हालांकि सरकार ने टेलिफोन सेवा को बंद नहीं किया है। इसलिए इंटरनेट सेवा बंद करने से आंदोलन कमजोर होगा, इसकी संभावना कम ही दिखती है।
आज ही जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने वीडियो जारी करके आंदोलन का समर्थन किया। हालांकि उन्हों ने केंद्र सरकार से कहा कि वह युवाओं को समझाए। नीतीश सरकार फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है। सरकार को पता है कि जो तबका आंदोलन में सक्रिय है, उसका बड़ा हिस्सा उसी का सामाजिक आधार है। इसी कारण यूपी में भी अब तक बुलडोजर शांत हैं।
आज केंद्र सरकार ने एयर फोर्स में बहाली प्रक्रिया शुरू करने का एलान कर दिया। प्रक्रिया इसी महीने शुरू हो रही है। कई लोग मान रहे हैं कि इससे आंदोलनकारी बंट जाएंगे और आंदोलन कमजोर हो जाएगा। सरकार ने एक वर्ष उम्र सीमा बढ़ा दी है। यह भी हो सकता है कि सरकार उम्र में और भी छूट दे। देखना है कि इंटरनेट बंद करने का क्या असर होता है।
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