नीतीश की तैयारी, मांझी के खिलाफ लड़ेंगे दशरथ मांझी के बेटे

नीतीश की तैयारी, मांझी के खिलाफ लड़ेंगे दशरथ मांझी के बेटे। अमित शाह और जीतनराम मांझी का खेल खत्म करने की मुख्यमंत्री ने बनाई रणनीति।

कुमार अनिल

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीतनराम मांझी के भाजपा में जाने पर शुक्रवार को कहा कि मांझी हमारे यहां रह कर भाजपा को सारी खबर पहुंचा रहे थे। भेदिया का काम कर रहे थे। आज ही मुसहर जाति के नायक के रूप में प्रतिष्ठित माउंटेनमैन दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी और दामाद मिथुन मांझी को जदयू में शामिल करा लिया। मुख्यमंत्री ने पूरी रणनीति के बाद दशरथ मांझी के बेटे को पार्टी में शामिल कराया है। अब तय माना जा रहा है कि 2024 में जहां से जीतनराम मांझी चुनाव लड़ेंगे, वहीं से उनके खिलाफ दशरथ मांझी के बेटे को जदयू का प्रत्याशी बनाया जाएगा। वहीं उनके बेटे के संतोष मांझी के खिलाफ दशरथ मांझी के दामाद चुनाव लड़ें, तो समझिए परिणाम क्या होगा। साफ है मुख्यमंत्री ने अमित शाह और जीतनराम मांझी की सारी योजना को ध्वस्त करने की तैयारी कर ली है।

कभी चिराग पासवान ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जेल भेजने की बात की थी। उन्होंने 2020 चुनाव में चुन-चुन कर जदयू प्रत्याशियों के खिलाफ अपने प्रत्याशी उतारे। नीतीश के कई प्रत्याशी चुनाव हार गए, लेकिन फिर नीतीश ने ऐसी चाल चली कि चिराग की पार्टी ही टूट गई। न बिहार में मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री बन सके और न ही केंद्र में मंत्री। अब कुछ उसी तरह की तैयारी नीतीश ने जीतनराम मांझी के खिलाफ कर दी है। वे लगातार भाजपा में प्रधानमंत्री मोदी के बाद सबसे ताकतवर अमित शाह के संपर्क में थे। अमित शाह की कोशिश है कि मांझी वोट को जदयू से अलग किया जाए। अब नीतीश की चाल से दोनों की योजना ध्वस्त हो सकती है।

दशरथ मांझी के बेटे के जदयू में शामिल होने से जीतनराम मांझी को एक और नुकसान हो सकता है। जैसे-जैसे दशरथ मांझी के बेटे को जदयू आगे करेगा, वैसे-वैसे जीतनराम मांझी की भाजपा में पूछ घटेगी। मैसेज यह जा सकता है कि मांझी अब पूरे मुसहर समुदाय के नेता नहीं रहे। वैसे भी दशरथ मांझी मुसहर के नायक हैं और उनके बेटे भी बहुत साधारण जीवन जीते हैं। लोगों के संपर्क में रहते हैं और उन पर कोई आरोप नहीं है। वहीं जीतनराम मांझी के बारे में यह मैसेज गया है कि वे पुत्रमोह में फंसे हैं। इसलिए किसी दूसरे दलित नेता को आगे नहीं बढ़ने दे रहे हैं।

भगीरथ मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार ने उनके पिता को बहुत सम्मान दिया था। याद रहे नीतीश कुमार ने एक बार दशरथ मांझी को अपनी कुर्सी पर बैठा दिया था।

रत्नेश सदा बने मंत्री, कहा-पुत्रमोह में बिक चुके हैं मांझी

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427