नीतीश को दी नई उपाधि, बताया काली अर्थव्यव्था का जनक
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने शराबबंदी के बावजूद शराब पीने से सात लोगों की मौत के बाद नीतीश को दी नई उपाधि, कहा-वे काली अर्थव्यव्था के जनक हैं।
कुमार अनिल
कल ही जदयू ने अपने प्रशिक्षण शिविर में पहली बार एक नए राजनीतिक शब्द ‘ व्यावहारिक समाजवाद ‘ का इजाद किया। बताया गया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कार्य ही ‘व्यावहारिक समाजवाद’ है। सिर्फ 24 घंटे के भीतर विपक्ष ने इस नए सिद्धांत के जवाब में एक नई उपाधि दे दी। तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री काली अर्थव्यवस्था के जनक हैं।
आज तेजस्वी यादव ने कहा- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जानकारी है भी या नहीं कि विगत दो-तीन दिनों में गोपालगंज और मुजफ्फरपुर में जहरीली शराब से सात लोगों की मौत हो चुकी है। पीड़ित परिवार पुलिस की मिलीभगत का सीधा आरोप लगा रहे हैं। नीतीश कुमार काली अर्थव्यवस्था के जनक हैं। शराबबंदी है कहां?
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तेजस्वी ने गंभीर आरोप लगाया है। इसी महीने पटना के बाइपास थाने से महज 150 मीटर दूर एक गोदाम से 50 हजार लीटर शराब जब्द की गई, जिसकी कीमत 5 करोड़ से अधिक बताई गई। इस एक स्थान से अबतक कितने करोड़ की शराब बेची गई, इसका कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। पूरे बिहार में एक साल में कितने की शराब आती और बिकती है, इसका भी कोई अंदाज नहीं है। लेकिन इतना कहा जा सकता है कि यह रकम सैकड़ों करोड़ में होगी। यह राशि कई जगह बंटती होगी। यह काली अर्थव्यवस्था का सिर्फ एक आयाम है।
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परीक्षा के पेपर लीक कराने सहित अनेक ऐसे कार्य हैं, जहां तक काली अर्थव्यवस्था की जड़ें फैली हैं।
काली अर्थव्यवस्था उसे कहते हैं, जिसमें कोई भी ऐसा लेन-देन जो किसी वैध रजिस्टर में दर्ज नहीं हो। भ्रष्टाचार भी काली अर्थव्यवस्था का ही अंग है। क्रोनी कैपिटल भी इसी तरह फैलता है।
देखना है तेजस्वी यादव इस मुद्दे को किस प्रकार आगे बढ़ाते हैं।