मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि प्रदेश में भूमि विवाद के निराकरण के लिए नये सिरे से सर्वे और सेटलमेंट का काम जारी है।
श्री कुमार ने यहां एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रस्तुतीकरण के दौरान कहा कि बिहार में होने वाले अपराध में कम से कम 60 प्रतिशत मामले भूमि विवाद से जुड़े होते हैं। इसके निराकरण के लिए नये सिरे से सर्वे और सेटलमेंट का काम जारी है। इसके अलावा अन्य कई महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए हैं ताकि भूमि विवाद के समाधान में तेजी आ सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पारिवारिक बंटवारे की जमीन की रजिस्ट्री मात्र 100 रूपये (50 रुपये स्टैंप ड्यूटी और 50 रुपये निबंधन शुल्क है) के सांकेतिक शुल्क पर निर्धारित की गयी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सर्वे सेटेलमेंट के काम को चुनौती के रुप में स्वीकार करते हुए तेजी से काम को पूरा करें।
श्री कुमार ने कहा कि राज्य में विकास के अनेक कार्य हो रहे हैं, जिससे जमीन की कीमतें भी बढ़ रही हैं, इसलिए भूमि से संबंधित विवादों का निपटारा जरुरी है। उन्होंने कहा कि नए सर्वे सेटेलमेंट से जमीन संबंधी विवादों का समाधान तो होगा ही साथ ही इससे फसलों की उत्पादकता बढ़ेगी और समाज में अमन चैन का माहौल भी बना रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों में भूमि सुधार एवं उसकी नियमावली को प्रचारित किया जाना चाहिए, जिससे विभाग द्वारा किए जा रहे भूमि सुधार से संबंधित कार्यों की जानकारी लोगों को मिल सके और अधिक से अधिक लोग इससे लाभाविन्त हो सकें।
श्री कुमार ने लोक सेवा का अधिकार कानून की चर्चा करते हुए कहा कि लोक सेवा का अधिकार कानून एवं लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून के अंतर्गत दाखिल-खारिज एवं राजस्व से संबंधित जो मामले लंबित हैं उसके समाधान के लिए समीक्षा करें और उसमें तेजी लाएं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आप सभी को मजबूती एवं तत्परता से काम करना चाहिए, ताकि नियत समय में सभी काम पूरे हो सकें।