केंद्र की मोदी सरकार द्वारा साल 2016 में आठ नवंबर को किये गए नोटबंदी के आज एक साल पूरे हो गए. इस दौरान पक्ष और विपक्ष ने अपने – अपने तरीके से अपनी प्रतिक्रिया दी. मगर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उस समय ट्विटर पर ट्रोल के शिकार हो गए, जब उन्होंने नोटबंदी को कालाधन पर प्रभावकारी कार्रवाई बताया. इसके बाद कई लोगों ने ट्विट कर उनपर सवाल उठाये.
नौकरशाही डेस्क
नीतीश कुमार ने अपने ऑफिसियल ट्विटर अकाउंट पर लिखा – ‘नोटबंदी से काला धन पर प्रभावकारी कार्रवाई हुई है. बेनामी संपत्ति पर भी हमला प्रारंभ हो गया है. इसके लिए केंद्र सरकार को बधाई.’ इसके बाद वे ट्रोल होने लगे. एक यूजर ने उन्हें री-ट्विट कर पूछा कि अगर लालू से गठबंधन कायम होता, तब भी यही ट्वीट करते? तो एक ने लिखा कि चोर-चोर मौसेरे भाई नीतीश जी तो बधाई देंगे ही. आखिर एक ही थाली के हैं सब लोग. अब तो परिवर्तन होगा. जनता अपनी ताकत दिखाएगी इन सत्ता लोभियों को. वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा –‘महागठबंधन के समय ‘नोट बंदी’ का सबसे पहले समर्थन करने वाले नेता नीतीश कुमार ही है’
वहीं, भाजपा सांसद हुकुमदेव नारायण ने लालू यादव पर तंज करते हुए लिखा कि नीतीश इतने कठोर न बनो. आपको नही मालूम इस नोटबंदी मे लालू जैसे कितनो का काला पैसा डूब गया उनके बारे मे भी तो सोचो और अब आप बेनामी संपत्ति पर भी हमला करेंगे तो लालू जी तो रोड पे आ जाएंगे. आखिर इतने सालों की उनके भ्रष्टाचार की कमाई जो है.