अपराध की बढ़ती घटना पर लगाम लगाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस महानिदेशक से लेकर पुलिस उपाधीक्षक स्तर तक के अधिकारियों को दफ्तर से बाहर क्षेत्र में रहकर खुद स्थिति की निगरानी करने का निर्देश दिया।
श्री कुमार की अध्यक्षता में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ विधि व्यवस्था की समीक्षा बैठक हुई जिसमें विधि व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के उद्देश्य से अनुसंधान और विधि व्यवस्था के लिए पुलिस की अलग-अलग ईकाई बनाने और सभी थानों में प्रबंधकों की नियुक्ति समेत कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक से लेकर पुलिस उपाधीक्षक तक सभी अधिकारियों को फील्ड में जाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
बैठक के बाद गृह सचिव आमिर सुबहानी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पुलिस को गश्त अच्छी तरह से करने का निर्देश दिया है ताकि हर जगह उनकी मौजूदगी नजर आए। बैठक में निर्देश दिया गया कि वरीय अधिकारी फील्ड में जाकर खुद पेट्रोलिंग की स्थिति को देखें। पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) सप्ताह में तीन दिन, पुलिस अधीक्षक(एसपी) सप्ताह में चार दिन, पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) सप्ताह में पांच दिन फील्ड में रहें। उन्होंने बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री ने पुलिस मैनुअल नए सिरे से बनाने का भी निर्देश दिया।
पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर फैसला किया गया है कि पेट्रोलिंग की स्थिति पर डीआईजी और एसपी मॉनिटरिंग करेंगे। इसके अलावा गश्ती टीमों पर नजर रखने के लिए गश्ती दल को जीपीएस से लैस किया जायेगा। वहीं, थानों को सशक्त करने के लिए थानेदारों को रेफरेंस कोर्स कराये जाने की भी बात कही गयी है। उन्होंने कहा कि साथ ही सभी थानों में थाना प्रबंधक तैनात करने का निर्णय लिया गया है, जो मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) किये होंगे। इनकी नियुक्ति से पुलिस का काम सिर्फ अनुसंधान और विधि व्यवस्था को बनाये रखना ही रह जायेगा।