बिहार में एक दिन में तीन पुल गिरने से हंगामा हो गया। नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की डबल इंजन सरकार सन्न है। हद तो यह है कि एनडीए नेता पुलों के निर्माण में भ्रष्टाचार की जांच करने के बजाय पुलों के गिरने में साजिश सूंघ रहे हैं। उधर, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा है। कहा है कि 15 दिन में राज्य में 9 पुल गिर गए। कहां है सुशासन, कहां है विकास?
तेजस्वी यादव ने एक दिन में 3 पुल गिरने पर सोशल मीडिया एक्स पर लिखा- आज बिहार में एक ही दिन में पुल और गिरे। सुशासनी नेकचलनी के सौजन्य से विगत दिन में बिहार में कुल पुल जल समाधि ले चुके है। डबल इंजन सरकार अब इसका दोष भी विपक्ष को देकर अपने कर्तव्यों, सुशीलता से परिपूर्ण वसूली तंत्र एवं डबल इंजन पॉवर्ड भ्रष्टाचार का इतिश्री कर सकती है।
मालूम हो कि सिवान जिले में 12 घंटे में दो पुल ध्वस्त हो गए। दोनों पुल महाराजगंज इलाके में गिरे हैं। पहली घटना जिले के महाराजगंज अनुमंडल के पटेड़ा गांव स्थित देवरिया गांव की है. गंडक नदी पर बना पुल बुधवार को अचानक गिर गया। पुल 35 साल पुराना था। ग्रामीणों का कहना है कि पुल की कभी मरम्मत नहीं की गई। दूसरा पुल महाराजगंज प्रखंड के तेवथा पंचायत में गिरा है। नौतन व सिकंदरपुर गांव के बीच बना पुल पूरी तरह ध्वस्त हो गया। मीडिया से मिली खबरों के अनुसार एक तीसरा पुल गंडक नदी पर धमई गांव में बना था वह भी टूट गया है।
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बिहार में पुलों के लगातार धड़ाम होने की खबर देश भर में सुर्खियां बटोर रही हैं। नीतीश कुमार के विकास मॉडल पर सवालिया निशान लग गए हैं। माना जा रहा है कि पुलों के निर्माण में कमीशऩखोरी के कारण क्वालिटी से समझौता किया गया। विपक्षी दल राजद ने इसे मुद्दा बना दिया है, जबकि एनडीए नेता पुलों के गिरने में साजिश सूंघ रहे हैं, जो मजाक का विषय बन गया है।
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