दीपक कुमार ठाकुर,बिहार ब्युरी प्रमुख
मधुबनी: लदनियां प्रखंड के कुमरखत पश्चिमी पंचायत में मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के क्रियान्वयन में अनियमितता बरतने तथा अभिलेखों के संधारण में शिथिलता बरतने को डीएम ने काफी गंभीरता से लिया है।
जब उक्त पंचायत के वार्ड संख्या -दो, सात, आठ, 14 एवं 15 में क्रियान्वित नल-जल योजना की जांच कराई गई तो अनियमितता व लापरवाही सामने आई। बीडीओ एवं तकनीकी सहायक ने उक्त पांचों वार्डों में नल-जल योजना की जांच कर संयुक्त जांच रिपोर्ट डीएम को भेजी थी। जांच रिपोर्ट में उल्लेख किया गया था कि उक्त पांचों वार्डों में नल-जल योजना के लिए बैंक खातों से लगभग 70 लाख रुपये की निकासी कर ली गई । बावजूद इसके योजना अधूरा पड़ा है। लाभुकों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।
डीएम ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कुमरखत पश्चिमी के मुखिया, पंचायत सचिव, उक्त सभी पांचों वार्डों के वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समितियों के अध्यक्षों, सचिवों, संबंधित कनीय अभियंता तथा सहायक अभियंता से स्पष्टीकरण मांगा है । वार्ड – दो का हाल : इस वार्ड में योजना के लिए 14,40,400 रुपये का प्राक्कलन बनाया गया। इस कार्य के लिए ग्राम पंचायत ने वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के खाते में 14,40,400 रुपये हस्तांतरित भी कर दिया। समिति ने खाते से 14,40,400 रुपये निकासी भी कर ली। फिर भी जांच के दौरान योजना अपूर्ण मिली। मापीपुस्त में भी प्रविष्टि शून्य मिली। मापदंड के अनुसार पाइप भी नहीं लगाया गया था। अभिलेख संधारण कार्य भी अधूरा पाया गया।
बिजली कनेक्शन भी नहीं किया गया था। इस कारण लाभुकों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा था। अनुरक्षक की भी नियुक्ति नहीं की गई थी। वार्ड – सात का हाल : इस वार्ड में 17,26,300 रुपये का प्राक्कलन बनाया गया। इस कार्य के लिए ग्राम पंचायत ने वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के खाते में 14.45 लाख रुपये हस्तांतरित भी कर दिया। समिति ने खाते से 14.45 लाख रुपये निकासी भी कर ली। जांच के दौरान योजना अपूर्ण मिली। मापी पुस्त में भी प्रविष्टि शून्य मिली। मापदंड के अनुसार पाइप भी नहीं लगाया गया था।
अभिलेख संधारण कार्य भी अधूरा पाया गया। बिजली कनेक्शन भी नहीं किया गया था। जिस कारण लाभुकों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा था। अनुरक्षक की नियुक्ति नहीं की गई थी। वार्ड- आठ का हाल : इस वार्ड में 16,48,100 रुपये का प्राक्कलन बनाया गया। ग्राम पंचायत ने वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के खाते में 14 लाख रुपये हस्तांतरित भी कर दिए। समिति ने खाते से 14 लाख रुपये निकासी भी कर ली। फिर भी जांच के दौरान योजना अपूर्ण मिली। मापी पुस्त में भी प्रविष्टि शून्य मिली। मापदंड के अनुसार पाइप भी नहीं लगाया गया था। अभिलेख संधारण कार्य भी अधूरा पाया गया।
बिजली कनेक्शन भी नहीं किया गया था। जिस कारण लाभुकों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा था। अनुरक्षक की भी नियुक्ति नहीं की गई थी। वार्ड- 14 का हाल : योजना के लिए 16,43,600 रुपये का प्राक्कलन बनाया गया। ग्राम पंचायत ने वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के खाते में 15 लाख रुपये हस्तांतरित कर दिए। समिति ने खाते से 15 लाख रुपये निकासी भी कर ली। फिर भी जांच के दौरान योजना अपूर्ण मिली। मापी पुस्त में भी प्रविष्टि शून्य मिली। मापदंड के अनुसार पाइप भी नहीं लगाया गया था। अभिलेख संधारण कार्य भी अधूरा पाया गया। बिजली कनेक्शन भी नहीं किया गया था। जिस कारण लाभुकों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा था।
वार्ड-15 का हाल : योजना के लिए 15,22,700 रुपये का प्राक्कलन बनाया गया। वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के खाते में 12 लाख रुपये हस्तांतरित किए गए। समिति ने खाते से 12 लाख रुपये निकासी भी कर ली। जांच के दौरान योजना अपूर्ण मिली। मापी पुस्त में भी प्रविष्टि शून्य मिली। मापदंड के अनुसार पाइप भी नहीं लगाया गया था। अभिलेख संधारण कार्य भी अधूरा पाया गया। बिजली कनेक्शन भी नहीं किया गया था। जिस कारण लाभुकों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा था।