मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भोजपुर जिले के चंदवा गांव में प्रसिद्ध वैष्णव संत एवं महान दार्शनिक स्वामी रामानुजाचार्य की 1000वीं जयंती पर आयोजित सहस्त्राब्दी महायज्ञ में आज शामिल होने के बाद कहा कि वह यज्ञस्थल पर केवल अपनी श्रद्धा निवेदित करने आये हैं।
श्री कुमार ने महायज्ञ के समापन दिवस पर उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुये कहा कि बिहार ने सदैव ही पूरी दुनिया को धर्म का रास्ता दिखाया है और आगे भी दिखाता रहेगा। उन्होंने कहा कि वह यहां संतों का आशीर्वाद लेने तथा अपनी श्रद्धा निवेदित करने आये हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी रामानुजाचार्य के सहस्त्राब्दि जयंती के अवसर पर आयोजित महायज्ञ सभी को प्रेरणा दे रहा है। मुख्यमंत्री ने राज्य में लागू शराबबंदी, नशामुक्ति, बाल विवाह, दहेजप्रथा जैसी कुरीतियों के खिलाफ मिल रहे जनसमर्थन का उल्लेख करते हुये कहा कि हम सामाजिक एकता के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस यज्ञस्थल से इन सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ संदेश जायेगा तो वह बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम होगा और समाज सुधार के ये कार्यक्रम मजबूती से लागू होंगे तथा अंततः कामयाबी मिलेगी। साथ ही अन्य राज्यों में भी इसका असर पड़ेगा।
श्री कुमार ने कहा कि समाज में प्रेम, सौहार्द्र एवं मैत्री का भाव तथा एकता कायम रहे। मैं समाज में सिर्फ भौतिक विकास का काम नहीं कर रहा हूं बल्कि सामाजिक सुधार के लिए भी निरंतर प्रयासरत हूं। बिहार में शराबबंदी लागू हुयी और अब नशामुक्ति का अभियान चलाया जा रहा है। इस वर्ष 21 जनवरी को शराबबंदी एवं नशामुक्ति के विरुद्ध मानव श्रृंखला बनाई गई, जिसमें चार करोड़ लोगों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि शराबबंदी एवं नशामुक्ति के अभियान में बड़े, बुजुर्ग, पुरुष-महिला एवं सभी का व्यापक समर्थन मिला और अब उससे प्रेरणा लेकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन 02 अक्टूबर से बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ एक सशक्त अभियान की शुरुआत की गयी है।