मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राष्ट्रगान का अपमान किए जाने को महागठबंधन ने बड़ा मुद्दा बना दिया है। राजद, कांग्रेस तथा वाम दलों ने शनिवार को राज्य के सभी जिलों में मार्च निकाला और मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया। वे मुख्यमंत्री माफी मांगों, मुख्यमंत्री इस्तीफा दो के नारे लगा रहे थे।
महागठबंधन में शामिल दलों ने राजधानी पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, दरभंगा, गया सहित हर जिले में मुख्यमंत्री का पुतला जलाया। नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री होश में नहीं हैं। उन्हें गद्दी पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। मालूम हो कि राष्ट्रगान का अपमान करने पर तीन साल तक की सजा हो सकती है।
महागठबंधन के नेताओं ने भाजपा को भी घेरा। कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो किया है, वह अगर किसी महागठबंधन के नेता ने किया होता, तो अब तक पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेती। क्या एनडीए के लिए संविधान और कानून का कोई मतलब नहीं है।
राजधानी पटना में महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने विधायक आवास से मार्च निकाला तथा आयकर गोलंबर पर मुख्यमंत्री का पुतला फूंका। वे मुख्यमंत्री हाय-हाय, राष्ट्रगान का अपमान नहीं सहेंगे जैसे नारे लगा रहे थे। पुतला दहन में राजद, कांग्रेस, सीपीआई और सीपीएम के कार्यकर्ता शामिल थे।
राजद और अन्य दलों ने जिस प्रकार राष्ट्रगान के अपमान को मुद्दा बनाया है, उससे भाजपा और जदयू बैकफुट पर दिखाई दे रहे हैं। भाजपा के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री का ध्यान राष्ट्रगान पर नहीं गया था, इसीलिए वे हंस रहे थे। उनके जवाब में साफ दिख रहा है कि किसी प्रकार मामले की लीपापोती करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन राजद ने इस बार घेर लिया है।