मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, हम (से) के अध्यक्ष और बिहार सरकार के मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन तथा जदयू के खालिद अनवर ने मंगलवार को बिहार विधान परिषद के चुनाव के लिए नामांकन का पर्चा दाखिल कर दिया। विधान परिषद चुनाव के लिए पर्चा दाखिल करने वाले ये पहले तीन नेता हैं। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चौथी बार परिषद की सदस्यता के लिए नामांकन का पर्चा दाखिल किया। डॉ. संतोश सुमन भी परिषद के ही सदस्य हैं और फिर इसी सदन के लिए उन्होंने नामांकन का पर्चा दाखिल किया।
मालूम हो कि बिहार विधान परिषद की 11 सीटों के चुनाव के लिए आज ही अधिसूचना जारी हुई। नामांकन की प्रक्रिया 11 मार्च तक है। भाजपा ने परिषद उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की है।
उधर महागठबंधन के किसी दल ने फिलहाल परिषद चुनावों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का प्रत्याशी बनना तय है। शेष नामों की घोषणा राजद और कांग्रेस जल्द करेंगे, ऐसा माना जा रहा है।
इसी के साथ यह भी फाइनल हो गया कि हम (से) के नेता और मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। वे बिहार की राजनीति में ही रहेंगे। जीतन राम मांझी के बारे में स्पष्ट नहीं है कि वे बिहार की राजनीति में रहेंगे या लोकसभा चुनाव लड़ कर केंद्र की राजनीति में जाना पसंद करेंगे।
एनडीए ने पहले ही दिन तीन नामांकन करके दिखाने की कोशिश की है कि उनके यहां सबकुछ सामान्य है, जबकि ऐसा है नहीं। लोजपा (आर) के प्रमुख चिराग पासवान तथा उपेंद्र कुशवाहा के बारे में कहा जा रहा है कि दोनों नेता एनडीए में सहज नहीं हैं। अभी तक लोकसभा चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है। भाजपा ने लोकसभा प्रत्याशियों की पहली सूची जा री कर दी है, लेकिन उसमें बिहार से एक भी प्रत्याशी का नाम घोषित नहीं किया गया है।