नीतीश से गुप्त मुलाकात पर पकड़ी गई पीके की चालबाजी
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने प्रशांत किशोर की पूरी कहानी बताई। कहा, उन्हें जदयू ने कोई ऑफर नहीं दिया था। वे भाजपा के एजेंट के बतौर काम कर रहे हैं।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने शनिवार को चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के काम करने के तरीके, उनके मकसद की पूरी कहानी बताई। कहा, उन्हें पार्टी में शामिल होने के लिए जदयू ने कोई ऑफर नहीं दिया था। खुद पीके ने ही जदयू में शामिल होने की इच्छा जताई थी। इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आप राष्ट्रीय अध्यक्ष से बात कर लें। इसके बाद पीके दिल्ली में उनसे मिले।
ललन सिंह ने कहा कि मुलाकात में उन्होंने पीके को साफ-साफ दो बातें कही थीं। उन्होंने कहा था कि आपको पार्टी के अनुशासन में रहना होगा। दूसरा पार्टी का निर्णय स्वीकार करना होगा। राय किसी की अलग हो सकती है, पर निर्णय हो जाने पर उसे लागू करना होगा। अगर ये दो शर्त मानते हैं, तो पार्टी में आ सकते हैं। इसके बाद उन्होंने मीडिया को खुद ही बता दिया कि वे पटना आ रहे हैं। मुख्यमंत्री मिलना चाहते हैं, पर वे मिलेंगे नहीं। ललन सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर बिजनेसमैन हैं और बिजनेस चमकाने के लिए अपनी मार्केटिंग करते हैं।
पूर्व सांसद पवन वर्मा ने मुख्यमंत्री से कहा कि प्रशांत किशोर मिलना चाहते हैं, तो उन्होंने कहा कि उनसे कोई भी मिल सकता है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि भाजपा के एक एजेंट मजिस्ट्रेट चेकिंग में पकड़े गए। उनका इशारा आरसीपी सिंह की तरफ था। अब ये भाजपा के दूसरे एजेंट हैं। सब लोग जानते हैं कि पीके भाजपा के लिए काम कर रहे हैं। भाजपा जनता के मुद्दों पर अपना आधार नहीं बढ़ाना चाहती, वह षडयंत्र के बल पर सत्ता चाहती है। उसके षडयंत्र का हिस्सा बनने के लिए कई लोग तैयार हो जाते हैं।
संघ के इशारे पर विपक्षी दलों से सट उन्हें भी भाजपा की वैचारिक राह पर चलाने की चेष्टा करने वाले BJP के प्रमाणित एजेंट तथा कुछ चुनिंदा लोगों को शॉपिंग इत्यादि से उपकृत कर स्टोरी प्लांट कराने वाले चालबाज की पोल खोलते JDU अध्यक्ष श्री @LalanSingh_1 जी
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) September 17, 2022
pic.twitter.com/k33Ue1L3m4
ललन सिंह ने पीके को भाजपा का एजेंट बताया। इससे पहले भी राजनीतिक हलकों में यह सवाल उठ रहा था कि पीके कभी भाजपा के खिलाफ क्यों कुछ नहीं बोलते। बिलकिस बानो गैंगरेप के आरोपियों की सजा माफ करने, माला पहनाने के मामले पर भी पीके चुप रहे। लोकतांत्रित संस्थाओं पर हमले, ईडी-सीबीआई के इस्तेमाल, दल-बदल को ऑपरेशन लोटस जैसा सुंदर नाम देकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने जैसे कई मुद्दों पर पीके ने कभी कुछ नहीं कहा। वे महंगाई और बेरोजगारी पर भी केंद्र सरकार के खिलाफ कभी कुछ बोलते नहीं देखे गए।
‘बेगुसराय में आतंक फैलानेवालों का सरदार निकला BJP नेता का बेटा’