नीतीश से मिले यूपी जदयू के नेता, Phulpur से चुनाव लड़ने का आग्रह
नीतीश से मिले यूपी जदयू के नेता, Phulpur से चुनाव लड़ने का आग्रह। कहा नीतीश अगर चुनाव लड़े, तो यूपी का समीकरण बदल जाएगा। संगठन पर भी चर्चा।
उप्र जदयू नेताओं के एक दल ने शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। नेताओं ने मुख्यमंत्री से यूपी के फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का आग्रह किया। कहा कि वे चाहें तो यूपी की किसी अन्य सीट से भी चुनाव लड़ सकते हैं। यूपी जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सत्येंद्र पटेल ने कहा कि यूपीवालों को नीतीश कुमार का इंतजार है। मालूम हो कि उप्र में कुर्मी मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है। लगभग 20 लोकसभा सीटों में जीत-हार ये ही तय करते हैं। उप्र से आए नेताओं ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार देश के भावी प्रधानमंत्री हैं।
माननीय मुख्यमंत्री श्री @NitishKumar जी ने जद (यू) उत्तर प्रदेश इकाई के साथ संगठन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद श्री @LalanSingh_1 जी, वित्त मंत्री श्री @VijayKChy जी, जल संसाधन मंत्री श्री @SanjayJhaBihar जी,… pic.twitter.com/hvPNFyEVCL
— Janata Dal (United) (@Jduonline) October 28, 2023
यूपी जदयू नेताओं की मुख्यमंत्री से मुलाकात के समय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, उप्र के पार्टी प्रभारी राज्य सरकार में मंत्री श्रवण कुमार, संजय झा सहित कई नेता मौजूद थे। यूपी के नेताओं ने बूथ स्तर पर अपनी तैयारी की रिपोर्ट दी। उन्होंने बताया कि 20 लोकसभा सीटों पर जदयू ने बूथ स्तर पर कमेटी बनाई है। बिहार के मंत्री श्रवण कुमार कई महीनों से लगातार उप्र के जिलों का दौरा करते रहे हैं।
पिछले चुनाव में प्रदेश के कुर्मी मतदाताओं का बड़ा हिस्सा भाजपा के साथ था। लेकिन इस तबके में मुख्यमंत्री की लोकप्रियता सर्वाधिक है। अगर वहां से नीतीश कुमार चुनाव लड़ेंगे तो भाजपा का समीकरण ध्वस्त हो जाएगा। भाजपा का अब दो ही किला बच गया है। एक गुजरात तथा दूसरा यूपी है। नीतीश कुमार अगर यूपी से चुनाव लड़े, तो भाजपा का यह किला खत्म हो जाएगा। प्रदेश नेताओं ने मुख्यमंत्री से विभिन्न जिलों में दौरा करने का भी आग्रह किया है। माना जा रहा है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी चाहते हैं कि नीतीश कुमार फूलपुर या गोंडा से चुनाव लड़ें।
बिहार में नवंबर में विधानसभा के सत्र में जाति गणना की पूरी रिपोर्ट रख दी जाएगी। इसके आधार पर सरकार कई तरह की घोषणाएं, कार्यक्रम तथा सबसे बढ़कर आरक्षण का कोटा बढ़ाने का निर्णय लेगी। इसके बाद अगर वे उप्र का दौरा करते हैं, तो यूपी के पिछड़ों में व्यापक असर पड़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
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