जगहंसाई के बाद जागे नीतीश, घोटाला आरोपी मंत्री को किया तलब
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नियुक्ति घोटाला के आरोपी जिन मेवालाल चौधरी ( Mewa Lal Chaudhary) को शिक्षा मंत्री बनाया था, उन्हें बुला कर मुलाकात की है.
मेवा लाल चौधरी पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय के उपकुलपति रहते 167 जुनियर वैज्ञानिकों की नियुक्ति पर हेराफेरी करने का आरोप है. उनके ऊपर 420, 120 ए समेत अनेक धाराओं के तहत केस चल रहा है. मेवा लाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाये जाने के बाद विपक्ष ने पुर जोर तरीके से आवाज उठाई थी. इस कारण नीतीश कुमार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति पर गंभीर सवाल उठने लगे थे.
देश के मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद ने बिहार का राज्यपाल रहते मेवालाल चौधरी के खिलाफ जांच करायी थी और उन पर लगे आरोपों को सच पाया था. ये जांच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर हुई थी.
यह मामला 2025 का है. इस मामले में 2017 में मेवालाल चौधरी के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. काफी दिनों तक पुलिस की दबिश से बचने के लिए मेवालाल चौधरी छुपते फिर रहे थे. उस समय विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता सुशील मोदी ने मेवालाल चौधरी को गिरफ्तार करने की मांग भी की थी. लेकिन जब 16 नवम्बर को उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलाई गयी तो भाजपा के नेता उनके बचाओ में आ गये थे.
इस मामले पर तेजस्वी यादव ने भी नीतीश सरकार को घेरा. जबकि लालू प्रसाद ने ट्विट कर कहा था कि मेवा लाल का मेवा मिलने के बाद भाजपा भी चुप है.
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद नीतीश कुमार ने मेवालाल चौधरी को मिलने के लिए आज बुलाया था. हालांकि इस मामले पर क्या बात हुई यह सामने नहीं आया है. कुछ लोगों का मानना है कि हो सकता है नीतीश कुमार इस मामले पर उनसे इस्तीफा भी लेने को मजबूर हो जायें. उधर 23 नवम्बर से विधान सभा का सत्र शुरू होने वाला है. विपक्ष का कहना है कि इस मुद्दे पर नीतीश सरकार को चैन से नहीं रहने देंगे.
अब देखा जाना है कि 23 नवम्बर से पहले सरकार कोई बड़ा फैसला करती है या नहीं.
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