इर्शादुल हक, संपादक, नौकरशाही डॉट कॉम
नीतीश-तेजस्वी की सेक्रेट मीटिंग की खबर अब लीक हो चुकी है. केपी मलिक नामक पत्रकार ने इस पर ट्वीट किया है. अगर आपको याद हो, मैंने इसी स्पेस पर दर्ज किया था कि कटिहार से रातोंरात जब तेजस्वी पटना आये और आधी रात को भागलपुर चले गये तो वह कोई मामूली यात्रा नहीं थी. इस बार नीतीश ने तेजस्वी से मिलने के लिए किसी राजनीतिक चैनल के बजाय अधिकारी रह चुके व्यक्ति को इस मिशन पर लगाया था.
बहरहाल यह मुलाकत सियासी निजाम के बदलने की तैयारियों का हिस्सा माना जा रहा है. पर बहुत हड़बड़ी नहीं है. नीतीश चाहते हैं कि सिर्फ बिहार में ही क्यों, दिल्ली का सिंहासन भी बदलना चाहिए. चूंकि नीतीश जान चुके हैं कि उनके करीब चार सांसद भाजपा की गोद में जा चुके हैं, लिहाजा उसकी भरपाई चिराग पासवान से की जाये. चिराग के पांच सांसद हैं. उधर माना जा रहा है कि चंद्राबाबू नायडू जो फिलवक्त मोदी की सरकार बनाये रखने में कंधा दिये हुए हैं, उन्हें भी तैयार किया जाये.
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कुछ राजनीतिक विश्लेषक यह कह रहे हैं कि चिराग तो, नरेंद्र भाई के हनुमान ठहरे. वह क्यों पाला बदलेंगे. भई आप याद करें, यह मोदी-शाह ही हैं जिन्होंने पापा रामविलास की मौत के बाद परिवार औऱ पार्टी को तबाह किया. चिराग का रामविलास का मंत्रिपद चाचा पारस को थमा कर चिराग को कहीं का न छोड़ा. अब चिराग बदला लेने पर पिल पड़े हैं. लेटरल एंट्री के मामले पर चिराग ने ऐसी आंखें दिखायीं कि मोदी सरकार को उसे वापस लेना पड़ा. इसी तरह वक्फ बिल को गतालखाने में चिराग के कारण डालना पड़ा. औऱ यही कारण माना जा रहा है कि चिराग के करीबी हुलास पांडेय पर ईडी की छापेमारी कर के चिराग को डराने की कोशिश की गयी है. पर चिराग के खून में सियासत बहती है. वह इन झिडकियों से डरेंगे, ऐसा नहीं लगता.