क्या शंकराचार्य की राह चलेंगे नीतीश-तेजस्वी, नहीं जाएंगे अयोध्या?
क्या शंकराचार्य की राह चलेंगे नीतीश-तेजस्वी, नहीं जाएंगे अयोध्या? शंकराचार्यों ने अधूरे मंदिर के उद्घाटन को शास्त्र विरोधी बताया है। कांग्रेस नहीं जा रही।
अयोध्या में भाजपा और संघ के इवेंट में क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव जाएंगे या वे शंकराचार्य का कहा मानते हुए जाने से मना कर देंगे, यह बड़ा सवाल है। शंकराचार्यों ने कहा है कि अधूरे मंदिर का उद्घाटन नहीं किया जा सकता। उधर कांग्रेस ने राममंदिर उद्घाटन समारोह को भाजपा का राजनीतिक समारोह बताते हुए आमंत्रण अस्वीकार कर दिया है।
अब तक जो खबर मिल रही है उसके अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव 21 और 22 जनवरी को व्यस्त हैं। 21 जनवरी को मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री दोनों मेडिकल कॉलेज के उद्घाटन में रहेंगे। 22 जनवरी को भी दोनों को कई विकास योजनाओं का उद्घाटन करना है। उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के भाजपा के कार्यक्रम में जाने की संभावना नहीं है। नीतीश कुमार जाएंगे या नहीं, इस बात को लेकर संशय बना हुआ है। संशय की स्थिति तब बनी जब मुख्यमंत्री के करीबी और मंत्री अशोक चौधरी से जब मीडिया ने सवाल किया कि मुख्यमंत्री अयोध्या जा रहे हैं या नहीं, तो उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री को निर्णय लेना है। इसके बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया।
नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के सूत्रधारों में रहे हैं और गठबंधन के अधिकतर दलों ने कार्यक्रम को भाजपा का चुनावी कार्यक्रम बताते हुए जाने से मना कर दिया है। सबसे पहले सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने भाजपा पर धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए मंदिर के उद्घाटन में जाने से मना किया। फिर उसके बाद उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी सहित कई नेता जाने मना कर चुके हैं। अभी तक इंडिया गठबंधन के किसी दल ने भाजपा के कार्यक्रम में जाने पर सहमति नहीं दी है। इसके बाद सवाल है कि क्या नीतीश कुमार इयोध्या जाएंगे या इंडिया गठबंधन के अन्य नेताओं की तरह वे भी मना कर देंगे।
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