बिहार विधानसभा में तेजस्वी यादव के सवालों का जवाब देने के बजाय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आगबबूला हो गए। गुस्से में तमतमाए उनकी तस्वीर बता रही है कि उन्हें सचमुच अब होश नहीं है कि वे क्या बोल रहे हैं और कहां बोल रहे हैं। उनकी भाषा बहुत हल्की हो गई है। उन्होंने तेजस्वी यादव को बच्चा कहा। विधानसभा से क आउट करने पर कहा कि वे भाग गए। मुख्यमंत्री के इस भाषण से भाजपा भी परेशान हो गई है।
कल विधानसभा में चर्चा के दौरान तेजस्वी यादव ने जनता के मुद्दे उठाए। उन्होंने मोहन गुरुस्वामी की लिखित पुस्तक दिखाई और बताया कि इसमें बिहार पर तीन चैप्टर है। इसमें बिहार की सच्चाई लिखी है। पहले क्या था और किस प्रकार इस प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार किया गया। एक अन्य पुस्तक दिखाई, जिसमें बिहार में प्रति व्यक्ति आय किस प्रकार अफ्रीकी देशों से भी कम है।
तेजस्वी यादव ने मानव विकास सूचकांक में बिहार के सबसे नीचे रहने का मामला उठाया। कहा कि ऐसे गंभीर मुद्दों पर चर्चा करने के बजाय भाजपा चाहती है कि स्तरहीन राजनीति में बिहार उलझा रहे। भय का वातावरण बना रहे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के सवालों का जवाब देने के बदले आपा खो बैठे। तेजस्वी को गुस्से में बच्चा कहा। इसे भी कोई पसंद नहीं कर रहा। तेजस्वी विपक्ष के नेता हैं। उनके प्रति सम्मान दिखाते हुए अपनी बात रखने के बजाय तू-तड़ाक की भाषा से नीतीश का कद छोटा हुआ। फिर वही राग दुहराने लगे कि बिहार में 2005 से पहले कुछ नहीं था। उन्होंने ही सबकुछ किया।
सोशल मीडिया में तेजस्वी यादव के जवाब में नीतीश के गुस्सा होने की खबर वायरल है। तेजस्वी यादव जहां शांत होकर सवाल उठाते रहे, वहीं नीतीश कुमार आपा खो बैठे। विधानसभा में पक्ष-विपक्ष की इस भिड़ंत से नीतीश कुमार की प्रतिष्ठा कम ही हुई है। उधर भाजपा को मालूम है कि तेजस्वी पर हमला करके नुकसान ही होगा। नीतीश कुमार के उत्तेजित होने से भाजपा परेशान है कि यही हाल रहा तो तेजस्वी यादव का कद और भी बढ़ जाएगा।