मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की कार्यकर्ता संवाद यात्रा समाप्त हो गई है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की यात्रा में एक अजीब रिकार्ड बनाया। पूरी यात्रा में उन्होंने एक भी जनसभा को संबोधित नहीं किया। वहीं तेजस्वी यादव ने हर जिले में जनसभा की, खासकर महिलाओं की सभा जिसने सबका ध्यान खींचा।
मुख्यमंत्री की यात्रा के बाद एनडीए को कोई नया नैरेटिव नहीं मिला है। वे बस वही पुरानी बातें कर रहे हैं कि 15 साल पहले कुछ नहीं था। मुख्यमंत्री ने हर जिले में कुछ नई योजनाओं की घोषणा की और कुछ उद्घाटन किए। इन घोषणाओं में कोई ऐसी घोषणा नहीं है, जो राज्य में आम लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया हो। अब सबको उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोई बड़ा ऐलान करेंगे।
उधर, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की कार्यकर्ता संवाद यात्रा ने राज्य की राजनीति पर गहरा असर छोड़ा है। खासकर उनकी माई-बहिन योजना की चर्चा गांव-गांव पहुंच गई है। इसी के साथ 200 यूनिट बिजली फ्री देने की घोषणा की भी चर्चा है। राजद की सफलता इस बात में है कि उसके कार्यकर्ताओं ने गांव तक की महिलाओं तक माई-बहिन योजना और उसके तहत हर महीने ढाई हजार रुपए मिलने की बात पहुंचा दी है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की यात्राओं का एक और बुनियादी फर्क यह था कि मुख्यमंत्री ने कहीं आम लोगों से बात नहीं की। किसी की शिकायत नहीं सुनी। वे कार्यकर्ताओं से भी नहीं मिले, जबकि इसके ठीक विपरीत तेजस्वी यादव हर जिले में कार्यकर्ताओं से मिलते रहे। आम लोगों से भी संपर्क किया।
तेजस्वी की यात्रा से इंडिया गठबंधन के अन्य दल भी सक्रिय हो गए हैं। 2 मार्च को भाकपा माले की राज्य स्तरीय रैली पटना में है। कांग्रेस में भी सक्रियता दिख रही है।