राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक वीडियो फुटेज जारी किया, जिसमें वे राबड़ी देवी की तरफ हाथ जोड़ते हैं, जवाब में राबड़ी देवी भी हाथ जोड़ती हैं। वीडियो फुटेज जारी करते हुए राजद अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार की राजनीति में विश्वसनीयता नहीं रही है और ये हमेशा झूठ पर झूठ बोलते रहे हैं। कसम पर कसम खाकर गठबंधन बनाते रहे हैं लेकिन कभी भी उसका निर्वहन नहीं किया और कहीं न कहीं अपने राजनीतिक स्वार्थ में कुर्सी से चिपके रहने के लिए बराबर गठबंधन बदलते रहे हैं। जब उन्हें भाजपा ने शुन्य पर पहुंचाने की साजिश की तो वो किस तरह से हमारे से आने के लिए माफी मांगी और कहा कि आप हमारे अस्तित्व और पार्टी को बचा लीजिए।
इन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय जनता दल ने कभी भी दंगाईयो और उन्मादियो को पसन्द नहीं किया है और जब नीतीश कुमार को भाजपा ने धक्का देकर शुन्य पर पहुंचाया तो वो हमारे साथ गिड़गिड़ाकर गठबंधन से पहले विधान सभा में उन्होंने किस तरह का शपथ लिया था ये सबको पता है। उन्होंने विधान सभा में कहा था कि मिट्टी में मिल जायेंगे लेकिन भाजपा के साथ अब नहीं जायेंगे। जब-जब वो हमारे साथ आये हैं उन्होंने भाजपा के खिलाफ कौन-कौन बातें कही है ये सबको पता है लेकिन भाजपा सत्ता और स्वार्थ में सारी बातों को भूलकर नीतीश जी के साथ गठबंधन बनाया।
इन्होंने आगे कहा कि सच्चाई सबके सामने है कि नीतीश जी ने राष्ट्रीय जनता दल के साथ आने के लिए किस तरह का राजनीति किया था। वीडियो फुटेज आपलोगों के सामने है। अब आप ही आकलन कर लें। भाजपा और जदयू के नेता जो बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे उनको सच्चाई और यथार्थ का सामना कराया जा रहा है और स्पष्ट रूप से सारी बातें सामने आ गई है कि नीतीश जी किस तरह की राजनीति करते रहे हैं।
————
15 सितम्बर को राजद का राजभवन मार्च, 18 से सदस्यता
इन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार की एक ही उपलब्धी रही है कि ये कहीं भी कभी-भी किसी के साथ जा सकते हैं और जब दस सर्कुलर रोड में विधायक दल की बैठक चल रही थी तो नीतीश कुमार अपने राजनीतिक अस्तित्व और पार्टी को बचाने के लिए किस तरह से लालू जी, श्रीमती राबड़ी देवी जी और तेजस्वी जी के सामने गिड़गिड़ाये थे ये आप सबके सामने वीडियो फुटेज है।
इस अवसर पर जयप्रकाश नारायण यादव, बीनू यादव, पूर्व सांसद विजय कृष्ण, प्रदेश उपाध्यक्ष सतीश कुमार, तनवीर हसन, शिवचन्द्र राम सहित अन्य नेता उपस्थित थे।
मुस्लिम तंजीमों, दानिशवरों, उलेमाओं से मिले तेजस्वी