पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक मंत्री ने इशारा कर दिया कि मुख्यमंत्री के बेटे निशांत कुमार राजनीति में आ सकते हैं। यह इशारा करने वाले मंत्री हैं श्रवण कुमार जो खुद भी मुख्यमंत्री के गृह जिले नालंदा तथा उनकी बिरादरी कुर्मी से ही आते हैं। अगर मुख्यमंत्री के बेटे राजनीति में आते हैं और पार्टी की कमान संभालते हैं, तो सबसे बड़ा झटका भाजपा को लगेगा।
श्रवण कुमार से पत्रकारों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे के राजनीति में आने की चर्चा पर सवाल किया, तो मंत्री ने सवाल को खारिज नहीं किया, बल्कि कहा थोड़ा इंतजार करिए। उनके इस बयान के बाद मुख्यमंत्री के बेटे की राजनीति में एंट्री को लेकर अचानक चर्चा तेज हो गई।
मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि थोड़ा इंतजार करिए। निर्णय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेना है। उन्होंने यह भी कहा कि निशांत कुमार की बिहार के बारे में अच्छी समझ है। वे बिहार की राजनीति भी समझते हैं। याद रहे पिछले कई महीनों से मुख्यमंत्री के बेटे को राजनीति में आने की अपील होती रही है। पार्टी के कई नेता तथा समर्थक मुख्यमंत्री के बेटे से राजनीति में आने की गुहार लगा चुके हैं। हालांकि खुद निशांत कुमार ने राजनीति में आने की खबरों का पहले खंडन किया है, लेकिन अब नीतीश कुमार के बिगड़ते स्वास्थ्य को देखते हुए संभव है वे राजनीति में आएं।
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मुख्यमंत्री के बेटे अगर राजनीति में आते हैं, तो यह भाजपा के लिए झटका होगा। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार स्वास्थ्य कारणों से अधिक दिनों तक पार्टी का नेतृत्व नहीं कर सकते। उस स्थिति में अधिकतर नेता तथा जनाधार भाजपा में जा सकता है। भाजपा अन्य प्रदेशों में ऐसा कर चुकी है। वह सहयोगी दलों के आधार तथा नेताओं को तेड़ती रही है। ऐसे में अगर नीतीश कुमार के बेटे राजनीति में आते हैं, तो भाजपा की मंशा पूरी नहीं हो सकेगी।
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