Nitish kumar dream projectसुनिये भविष्यद्रष्टा नीतीश के स्वप्नलोक की कथा खुद नीतीश की जुबानी
सुनिये भविष्यद्रष्टा नीतीश के स्वप्नलोक की कथा खुद नीतीश की जुबानी

सम्पादकीय नोट-  आप मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीतिक शैली के आलोचक या समर्थक हो सकते हैं.लेकिन उनकी दृष्टि, काम के प्रति उनके समर्पण और कंसिस्टेंसी पर गौर करेंगे तो आप उनके कायल हुए बिना नहीं रहेंगे. यहां पढ़िये नीती कुमार की जुबानी राजगीर से जुड़े उनके स्वप्नलोक की कहानी जो पिछले 12 वर्षों में हकीकत में बदलती जा रही है.

राजगीर से जुड़ा है सपना

राजगीर का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम एवं राज्य खेल अकादमी के कार्यारम्भ के लिए कला संस्कृति युवा विभाग और भवन निर्माण विभाग को मैं बधाई देता हूं। इसकी परिकल्पना हमने अपने पहले टेन्योर में ही की थी। हमने कहा था कि यहां का क्रिकेट स्टेडियम अंतर्राष्ट्रीय स्तर का होना चाहिए इसके लिए बी0सी0सी0आई0 से सहमति ली गई।  इंडोर स्टेडियम में सभी प्रकार के खेलों की सुविधा उपलब्ध होगी, वहीं बाहर फुटबॉल और हॉकी खेलने की भी व्यवस्था रहेगी। राज्य खेल अकादमी में खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, इसके अलावा छात्र, शिक्षक, प्रशिक्षकों के आवासन की सुविधा उपलब्ध होगी।  राजगीर में स्थित पंच पहाड़ी, यहाँ का वातावरण, पर्यावरण की स्थिति को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम एवं राज्य खेल अकादमी के लिए इस स्थान का चयन किया गया है। नालंदा विश्वविद्यालय भी यहीं है और महाभारत काल में जरासंध का अखाड़ा भी यहीं था। ऐसे में स्टेडियम और खेल अकादमी से जब पर्वत दिखेगा तो आनंद की अनुभूति लोगों को होगी। उन्होंने कहा कि बिहार के हर जिले में स्टेडियम बनाने की दिशा में काम किया गया है, स्पोर्ट्स कैलेंडर भी बनाये गए हैं।

नालंदा विश्वविद्यालय की तुलन अमेरिका से भी न हो पायेगी

यहाँ अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आने वाले लोग सामने पर्वत पाकर काफी आह्लादित होते हैं। इस कन्वेंशन सेंटर के बगल में पर्यटन निगम द्वारा पर्यटकों के रहने की व्यवस्था की गई है, जिसमें होटल की तरह सुविधायें उपलब्ध हैं। कन्वेंशन सेंटर के पास में ही 5 एकड़ जमीन का भी इंतजाम किया गया है ताकि कोई फाइव स्टार होटल बनाना चाहे तो उसे जमीन उपलब्ध कराया जा सके। नालंदा विश्वविद्यालय को हमलोग रिवाइव कर रहे हैं, जो दुनिया में अपने आप में यूनिक होगा। इसकी तुलना अमेरिका या इंग्लैंड के किसी विश्वविद्यालय से नहीं की जा सकेगी। इसका अपना गौरव है। दुनिया भर से लोग इसमें आएंगे।  यह पूरा इलाका काॅमर्शियली रूप से विकसित होने वाला है और हमलोगों ने नालंदा विश्वविद्यालय को जमीन दे दी है ताकि वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सके।

अंतरराष्ट्रीय कंफ्लिक्ट रिजोल्युशन केंद्र

दुनिया भर में जो विवाद होते हैं, उसके कनफ्लिक्ट रिजोल्यूशन का यह केंद्र होगा। इसके लिए 25 एकड़ जमीन नालंदा विश्वविद्यालय को दे दी गयी है। यहाँ आई0टी0 सिटी भी बनाएंगे। उन्होंने कहा कि पटना, बिहटा और गया एयरपोर्ट से राजगीर 50 मिनट से एक घंटे के अंदर लोग पहुँच सकें इसके लिए बाईपास और नूरसराय से सिलाव तक सड़क का निर्माण भी कराया जा रहा है ताकि राजगीर आने की दूरी और कम हो जाय। राजगीर का अंतरराष्ट्रीय महत्व है। पांडवो के पिता पांडु यहाँ आये थे। ज्ञान प्राप्ति से पूर्व और ज्ञान मिलने के बाद महात्मा बुद्ध बिम्बिसार के समय यहाँ आये थे। वेणु वन सिमटते-सिमटते छोटा हो गया है उसको भी बड़ा कर रहे हैं।

बुद्ध, महावीर, मखदूम, गुरुनानक

 घोड़ा कटोरा अद्भुत जगह है। चारों तरफ पर्वत का दृश्य है। 2009 के दिसंबर माह में हम राजगीर आये थे और सात दिन रहे थे। उस समय हम गृद्धकूट पर्वत गये थे, उसके बाद से अब वहाॅ जाते रहते हैं। अब वहाँ भगवान बुद्ध की ऊंची प्रतिमा बनकर लगभग तैयार हो गयी है। हम उसे देखने जायेंगे। वह पूरा इलाका इको टूरिज्म का होगा जहाँ पेट्रोल या डीजल चलित वाहनों के जाने की अनुमति नहीं है। राजगीर की धरती पर भगवान बुद्ध, भगवान महावीर, मखदूम जहां साहब और गुरुनानक देव आकर रहे हैं। गुरुनानक देव के मंदिर निर्माण की अनुमति लेने का प्रयास कर रहे हैं। मलमास का मेला यहाँ लगता है, जिसे इस बार से राजकीय मेला घोषित किया जा चुका है। हिन्दू, बौद्ध, इस्लाम, सिख, जैन सभी धर्मों के मानने वाले लोग यहाँ आते हैं इसलिए राजगीर को विकसित करने की हमलोग कोशिश कर रहे हैं।

तब कितना अद्भुत दृष्य होगा

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राजगीर के प्रति हमारी श्रद्धा है। नालंदा यूनिवर्सिटी, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और राज्य खेल अकादमी जब यहां बनकर तैयार हो जाएगा तो कितना अद्भुत दृश्य होगा।
यहाँ जू सफारी भी बनेगा। बंद गाड़ी में बैठकर लोग शेर और बाघ जैसे जानवरों को करीब से देखेंगे तो कितना स्वाभाविक दृश्य होगा। जू सफारी के आगे का इलाका ग्रीन सफारी होगा। (भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार की ओर मुखातिब होते हुए मुख्यमंत्री ने कहा) आपने दो साल के अंदर राज्य खेल अकादमी एवं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण कार्य पूरा होने के प्रति हमें आश्वस्त किया है, इसका विशेष रुप से ख्याल रखियेगा क्योंकि आप राजगीर आकर बोले हैं। आर्कियोलॉजी से आपको भी काफी लगाव है इसलिए निर्धारित समय सीमा के अंदर यह बनकर तैयार हो जाना चाहिए।

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बिहार के हर जिले में काम किया जा रहा है। अभी लखीसराय कृमिल में लाल पहाड़ी की खुदाई हो रही है। शेखपुरा जिले में अपनी यात्रा के क्रम में हम पहुंचे तो वहाँ आर्कियोलॉजिकल साइट की जानकारी मिली तो एक्सपर्ट को देखने के लिए भेजा गया। हमें जहाँ भी लगता है कि ऐतिहासिक या पुरातात्विक भूमि है तो उसकी महत्ता को जानने समझने और उसे विकसित करने की पूरी कोशिश करते हैं ताकि उसे पुनर्जीवित किया जा सके। पूरे देश और दुनिया भर से पर्यटक यहाँ आते रहेंगे। आप सबका कर्तव्य है कि उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार करें। पढ़ाई के अलावा खेल-कूद युवाओं के लिए बहुत ही आवश्यक है। राज्य खेल अकादमी का लाभ हमारे युवा उठा पाएंगे। इससे उनका जीवन बेहतर होगा और वे तरक्की करेंगे।

हमारी राजगीर यात्रा पर क्यों उठता है सवाल

हमारे राजगीर आने पर तरह-तरह की बातें शुरू हो जाती हैं लेकिन हमारी श्रद्धा हर ऐतिहासिक भूमि के प्रति बराबर है। लेकिन राजगीर का ऐतिहासिक महत्व है. यहां सभी धर्मों का मिलान होता है. जैसा कि हमने कहा कि बुद्ध, महावीर, मखदूम जहां साहब और गुरुनानक सब यहां से जुड़े हैं. यहां आत्मिक शांति है. यह प्ररणा का केंद्र है. हमारा प्रयास है कि राजगीर अपने गौरवशाली अतीत को फिर हासिल करे. हम इसी प्रयास में लगे हैं. अपने पहले टेन्योर से. उसके नतीजे भी सामने आये हैं. आने वाले दिनों में यह सब को दिखेगा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज राजगीर की यात्रा पर हैं. उससे पहले उन्होंने वहां 633 करोड़ रुपये की लागत से 90 एकड़ में बनने वाली राज्य खेल अकादमी एवं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास एवं कार्यारम्भ शिलापट्ट का अनावरण कर किया।

By Editor


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