आप हैं जनाब नित्यानंद राय साहब. भाजपा के बिहार प्रदेश के अध्यक्ष.उजियारपुर के सांसद. इनकी प्रोफाइल की आगे की कड़ियां हम बाद में डिसकस करेंगे पर पहले उनके उस कायरना और बुजदिली के चित्थड़े उधेड़ना जरूरी है जिसने बिहार की जनता को शर्मशार कर दिया है.
[author image=”https://naukarshahi.com/wp-content/uploads/2016/06/irshadul.haque_.jpg” ]इर्शादुल हक, एडिटर, नौकरशाही डॉट कॉम[/author]
नित्यानंद राय ने एक चुनावी रैली में कहा है कि अगर अररिया (लोकसभा उपचुनाव) में राजद के सरफराज आलम जीतते हैं तो यह क्षेत्र आईएसआई का गढ़ बन जायेगा. और अगर भाजपा के प्रदीप सिंह जीतते हैं तो अररिया नेशनलिस्टों का गढ़ बन जायेगा. नित्यानंद के इस बयान को न्यूज एजेंसी एएनआई ने कोट किया है. एएनआई की यह खबर सोशल मीडिया पर वॉयरल हो रही है. नित्यानंद राय ने यह बयान उनके कायराना चेहरे को उजागर करता है. क्योंकि उन्होंने पाकिस्तानी गुप्तचर संस्था आईएसआई के पल्लु का सहारा ले कर अपने दल के नेता को हारने से बचाने के लिए आखिरी हथियार चल दिया है. ठीक वैसे ही जैसे एक खिसियाया हुआ अबोध बालक, जब अपने हमउम्रों से हारता है तो वह मां-बहन की गालियों पर उतर आता है.
कहां से मिली ऐसी प्रेरणा ?
नित्यानंद राय को ऐसी घिनावनी बात कहने की प्रेरणा कहां से मिली यह बिहार की जनता बखूबी जानती है. याद कीजिए जब 2015 विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को आभास हो चुका था कि उनकी पार्टी हार रही है तो उन्होंने आखिरी हथियार चलते हुए कहा था कि अगर भाजपा बिहार में हार गयी तो पाकिस्तान में पटाखे फूटेंगे. यह भी याद कीजिए कि अमित शाह के इस अपमानजनक बयान से बिहार की जनता टस से मस नहीं हुई और उसके बाद जो परिणाम आया उसे दुनिया ने देखा.
नित्यानंद पर चोरी, छिंतई के आरोप
रही बात नित्यानंद राय की. तो उनके इस बयान के बाद जरूरी है कि उनके असली चेहरे को दुनिया के सामने बताया जाये. ताकि यह साबित हो सके कि नित्यानंद की पृष्ठभूमि क्या है. नित्यानंद आपराधिक आरोपों से घिरे हुए सांसद हैं. इन पर और तो और ‘चोरी‘ और एक्सटोर्शन यानी जबरिया वसूली के संगीन आरोप हैं. ये आरोप मैं नहीं लगा रहा हूं. खुद नित्यानंद राय ने 2014 लोकसभा चुनाव से पहले शपथ पत्र में स्वीकार किया है. नितायनंद राय साहब आप इस शपथ पत्र को कत्तई नहीं भूलें होंगे. और सुनिये. आप पर चोरी यानी आईपीसी 379, एक्सटोर्शन यानी आईपीसी की धारा 384 का मुकदमा दायर है.
अवैध हथियार कहां से लाये थे नित्यानंद साहब ?
इतना ही नहीं नित्यानंद राय के रिकार्ड को जब आगे खंगालिये तो पता चलेगा कि यह वही नित्यानंद राय हैं जिन पर अवैध हथियारों से लैस हो कर भीड़ में उसे लहराने का भी संगीन आरोप है. लिहाजा उन पर आईपीसी की धारा 144 का भी मुकदमा दायर है. साथ ही उन पर एक सरकारी अफसर पर हमला करने, उनके काम में बाधा डालने के आरोप में आईपीसी की धारा 353 के तहत भी मुकदमा चल रहा है.
अब आइए और नित्यानंद राय से पूछिए कि उन्होंने जिस अवैध हथियार को ले कर भीड़ एकट्ठी की थी, वह हथियार उनके पास कहां से आया था? क्या यह हथियार किसी देश विरोधी संगठन, जिसमें संभव है कि वह आईएसआई भी हो, ने दिया था? अगर नित्यानंद यह कहते हैं कि अररिया में किसी दल विशेष के प्रत्याशी की जीत होती है तो वह क्षेत्र आईएसआई का गढ़ बन जायेगा, तो यह और बड़े शर्म , बुजदिली और कायरता का परिचायक है. क्योंकि दिल्ली की सलतनत से ले कर पाटलिपुत्र के सिंहासन तक भाजपा का कब्जा है. भाजपा सरकार के रहते हुए अगर बिहार के किसी क्षेत्र में आईएसआई का गढ़ विकसित हो जाये तो क्या आपकी सरकार के लिए यह शर्म की बात नहीं है? देश की आंतिरक और बाह्य सुरक्षा की कमान आपकी नुमाइंदगी वाली सरकार के पास है. और यह तब भी रहेगी जब आपकी पार्टी अररिया में जीते या हारे. और अगर आप यह कहना चाहते हैं कि प्रदीप सिंह जीत गये तो उस क्षेत्र में आईएसआई पांव नहीं पसार पायेगा. तो इसका मतलब हुआ कि देश की आंतिरक व बाह्य सुरक्षा आपके एमपी के हाथ में रहेगा, न कि सरकार के हाथ में. ऐसा कह के आप अपनी पार्टी की सरकार को बनकाब तो कर ही रहे हैं, साथ ही यह भी कहना चाहते हैं कि देश की सेना, देश की ब्यूरोक्रेसी, देश की गुप्तचर संस्थायें नाकार, बुजदिल और इतने कायर हैं कि अब आईएसआई से देश को बचाने के लिए भाजपा के सासंद को जीताने की जरूरत है.
नित्यानंद राय साहब. राजनीति कीजिए. पर देश को, समाज को और खुद को कायर व बुजदिल घोषित मत करिये. लोकतांत्रिक सियासत के मैदान में घृणा और गाली गलोज से जीतने का मुगालता मत कीजिए. इतना ही नहीं, अपने रिकार्ड को देखिए कि आप का करियर किन आपराधिक पड़ावों से हो कर आगे बढ़ा है. उम्मीद है आप का जमीर जागे और भविष्य में ऐसे बयान ना दें जिससे देश, केंद्र सरकार और राज्य सरकार की बदनामी ना हो.