बिहार भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष एवं उजियारपुर से सांसद नित्यानंद राय को इस बार के लोकसभा चुनाव में बिहार में भाजपा के बेहतर प्रदर्शन के लिए पुरस्कार के रूप में केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री पद से नवाजा गया है।
बिहार के उजियारपुर संसदीय क्षेत्र से वर्ष 2019 में लगातार दूसरी बार लोकसभा चुनाव जीत चुके श्री राय का जन्म 01 जनवरी 1966 को वैशाली जिले के हाजीपुर में गंगा बिशुन राय और तेतरी देवी के घर हुआ। उनकी पत्नी अमिता राय और एक बेटी नंदिका है। उन्होंने हाजीपुर के राजनारायण महाविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की।
श्री राय के राजनीतिक सफर की शुरुआत वर्ष 1981 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) कार्यकर्ता के रूप में हुई। हाजीपुर के ही राजनारायण कॉलेज में इंटर की पढ़ाई के दौरान वे नियमित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखाओं में जाते थे। उनकी नेतृत्व क्षमता की वजह से संघ ने उन्हें जल्द ही 1986 में हाजीपुर का तहसील कार्यवाह बना दिया। वर्ष 1990 की शुरुआत तक संघ से पदमुक्त होकर वे सीधे भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव बनाए गए। 1995-96 में युवा मोर्चा के महासचिव और 1999 में युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बने।
श्री राय ने बिहार के हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र का लगातार चार बार वर्ष 2000, फरवरी 2005 के उपचुनाव, अक्टूबर 2005 और 2010 में प्रतिनिधित्व किया है। वह वर्ष 2006 से 2010 तक बिहार विधानमंडल में भाजपा के मुख्य सचेतक भी रहे। उन्होंने वर्ष 1990 में श्री लालकृष्ण आडवाणी के रथ को हाजीपुर में रोकने के राजद कार्यकर्ताओं की योजना को विफल कर दिया था।
बिहार भाजपा अध्यक्ष श्री राय को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दिये जाने को भाजपा की रणनीति का अंग समझा जा रहा है ताकि वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी जाति के मतों को हासिल किया जा सके। श्री राय की सामाजिक कार्यों में काफी रुचि है। उन्होंने क्षेत्र में पोलियो से ग्रसित बच्चों को नि:शुल्क चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के साथ ही वृंदावन के वत्सल्य ग्राम में रहने वाले चार अनाथ बच्चों की शिक्षा-दीक्षा का खर्च भी उठा रहे हैं। इनके अलावा उन्होंने दुष्कर्म पीड़ित चार नाबालिगों को भी गोद लिया है, जिनकी पढ़ाई-लिखाई के साथ ही उनकी शादी पर खर्च भी वही करेंगे।