NMCH के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट के बाद अब दो IPS हुए सस्पेंड
बिहार सरकार ने राज्य के दो आईपीएस अफसरों को सस्पेंड कर दिया है। एक पर आय से अधिक संपत्ति, दूसरे पर दोस्त से जस्टिस बन कर फोन करवाने का आरोप।
बिहार की महागठबंधन सरकार ने मंगलवार को दो आईपीएस अफसरों को सस्पेंड कर दिया। सस्पेंड होने वालों में पूर्णिया के एसपी दयाशंकर तथा गया के SSP रह चुके आईपीएस आदित्य कुमार शामिल हैं। आज गृह विभाग ने सस्पेंड किए जाने संबंधी सूचना जारी कर दी। दोनों आईपीएस अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। पूर्णिया के एसपी दयाशंकर के ठिकानों पर पिछले दिनों छापेमारी में 90 लाख की प्रॉपर्टी और 63 लाख की ज्वेलरी मिली थी। स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU) ने इस अफसर के सात ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। वहीं दूसरा मामला भी गंभीर और अपने तरह का पहला है। बिहार कैडर के आईपीएस आदित्य कुमार ने अपने ऊपर शराबबंदी से जुड़े केस को खत्म कराने के लिए अपने दोस्त को हाईकोर्ट का फर्जी चीफ जस्टिस बना दिया और राज्य के डीजीपी को केस खत्म करने के लिए फोन कराया। फोन कराने का भी रिकार्ड बना दिया। इस फर्जी चीफ जस्टिस बने दोस्त ने 40 से 50 बार फोन किया।
अब तक राज्य सरकार पर आरोप लगता रहा है कि वह किसी भी मामले में बड़े लोगों पर कार्रवाई नहीं करती है, बल्कि छोटे कर्मियों, सिपाहियों पर कार्रवाई करके खानापूरी करती है। इस मिथक को तोड़ते हुए राज्य सरकार ने दो आईपीएस पर कार्रवाई करके राज्य की नौकरशाही को कड़ा संदेश दे दिया है।
इससे पहले उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एनएमसीएच का आधी रात औचक निरीक्षण किया था। वहां कई गड़बड़ियां पाई गई थीं। दूसरे दिन उपमुख्यमंत्री ने एनएमसीएच के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को निलंबति कर दिया। इसके बाद निलंबन समाप्त करने की मांग हुई, लेकिन तेजस्वी यादव ने कदम पीछे खींचने से इनकार कर दिया। उन्होंने वर्षों से कार्य से गायब डॉक्टरों को भी चेतावनी दी है।
उमर खालिद की जमानत अर्जी खारिज, 765 दिन से जेल में