यूपी के बागपत में दाढ़ी और पगड़ी रखने वाले मदरसा के तीन मौलवियों को पीट कर लहु-लुहान करने के तीसरे दिन भी पुलिस हवा में तीर चला रही है. उधर जमायत उलेमा ए हिंद ने कहा है कि मामले की लीपापोती करने के बजाये अपराधियों को गिरफ्तार किया जाये.
उधर अमरउजाला डॉट कॉम ने अपनी खबर में बताया है कि ट्रेन की बोगी की खिड़की बंद कर इमाम समेत चार लोगों के साथ मारपीट करने का मामला की विवेचना बागपत कोतवाली से बड़ौत जीआरपी थाना ट्रांसफर हो गई है। पुलिस ने दर्जनो संदिग्धों से पूछताछ की। उनकी फोटोग्राफी की थी,लेकिन 48 घंटे बाद भी नतीजा शून्य है।
दूसरी तरफ पुलिस के रवैये से लग रहा है कि वह मामले को ठंडे बस्ते में डालने में लगी है. अफसरों का कहना है कि वह घटना माहौल बिगाड़ने की साजिश नहीं है। विवाद होने पर मारपीट की गई है।
दिल्ली से सहारनपुर जा रही पैसेंजर ट्रेन में बुधवार रात छह-सात युवकों ने इमाम गुलवार, उनके भतीजे समेत चार लोगों के साथ मारपीट की थी। बागपत कोतवाली पर घटना का अज्ञात में मुकदमा दर्ज हुआ। हमलावरों का पता लगाने पुलिस अफसर लगे हुए है। इसके लिए ट्रेनों और स्टेशनों की चेकिंग की जा रही है।
अग्रवाल मंडी टटीरी। इस वारदात से चौहल्दा गांव में तनावपूर्ण शांति है। माहौल न बिगड़ जाए। इसलिए पुलिस अफसर शुक्रवार को गांव में डेरा डाले रहे। मस्जिद में जुमे की नमाज के समय सीओ दिलीप सिंह, कोतवाली प्रभारी दिनेश कुमार समेत पुलिस बल मौजूद रहा.
सिविल डे्रस में पुलिसवाले घूम रहे है। दर्जनो संदिग्धों से पूछताछ की जा चुकी है। लेकिन पुलिस के हाथ अभी तक पूरी तरह से खाली है। हालांकि पुलिस को कई अहम जानकारी मिली है। पुलिस उनको तस्दीक करने में लगी हुई है। एएसपी अजय कुमार सिंह का कहना है कि इस केस की विवेचना, जीआरपी बड़ौत ट्रांसफर हो गई है.
जमीयत उलेमा ने बढ़ाया पुलिस पर दबाव
मारपीट के मामले में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मोहम्मद हकीमूद्दीन कासमी, चौहल्दा गांव पहुंचे। उन्होंने कहा कि ट्रेन में इस तरह की कई बार वारदात हो चुकी है। उनका कहना है कि लीपापोती नहीं शरारती तत्वों पर कार्रवाई होनी चाहिए। पीड़ितों न्याय दिलाने के लिए संघर्ष किया जाएगा।