शायद ऐसा पहली बार हो रहा है कि पूरा देश अपने परिवार और दोस्तों के साथ Holi खेल रहा होगा, तब बिहार के शिक्षक ड्यूटी बजा रहे होंगे। सत्ता पक्ष खामोश है, जबकि विपक्ष ने सख्त विरोध किया है। राज्य के शिक्षक उदास हैं, रोष व्याप्त है, पर सरकार है कि सुनती ही नहीं।
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा NDA की बिहार सरकार के आदेशानुसार शिक्षकों को Holi के दिन भी उपस्थित रहना है। बिहार में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि होलिकोत्सव अथवा होली अवकाश के दिन जब पूरा राज्य Holi मना रहा होगा, तब शिक्षक अपने परिवार से दूर रहेंगे। CM को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। राजद ने कहा बिहार में अफसरशाही का यह आलम है कि जनता के सर पर नाचने वाले अफसरों ने शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण को बिहार के प्रमुख त्योहार #होली के दिन भी रख दिया है! JDU तो अफसरों की गुलाम है, ढोंगी हिंदूवादी भाजपाई ठेकेदारों के मुँह भी लगा लगाम है! #Holi के लिए छुट्टी दे दी जाती तो CM नीतीश कुमार के अहंकार में कौन सी कमी आ जाती?
राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा बिहार की एनडीए सरकार का तुगलकी फरमान-हिन्दूओं के महान पर्व होली में भी शिक्षकों घर जाने और परिवार के साथ पर्व मनाने के लिए छुट्टी नहीं।
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सीपीएम के राज्य सचिव ललन चौधरी ने बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा होली के दिन विद्यालयों को खोल कर रखने और शिक्षकों को समय पर उपस्थित रहने के आदेश की तीव्र शब्दों में निंदा करती है और इस आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग करती है। होली के त्योहार में रंग गुलाल के साथ-साथ सभी तरह के रंगो का ईस्तेमाल किया जाता है और आते जाते लोगों पर रंग डाला जाता है। आमतौर पर लोग घरों रहकर अपने सगे संबंधियों के साथ होली का त्योहार मनाते हैं। शिक्षकों में बड़ी संख्या महिला शिक्षिकाओं की है। घर से विद्यालयों तक जाने में उन्हें किस तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा, इसकी कल्पना से ही मन कांप उठता है।