73 हजार बिहारियों का नाम असम के NRC से गायब है. इनके नामों के सत्यापन में बिहार सरकार का पसीना छूट रहा है.
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने माना है कि 73 हजार लोग बिहार के मूल निवासी हैं जो असम में निवास करते हैं. उन्होंने यह स्वीकार किया है कि 73 हजार लोगों में से अभी तक मात्र 5418 लोगों की नागरिकता का ही सत्यापन हो सका है.
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हालांकि सुशील मोदी ने कहा है कि राज्य सरकार इस दिशा में बड़ी गंभीरता से काम कर रही है. उन्होंने मीडिया के लिए जारी अपनी प्रेस रीलीज में कहा है कि असम में रहने वाले 73 हजार बिहार के मूल वासियों ने अपने जाति, जन्म, आधार, मतदाता सूची, मतदाता पहचान पत्र, शैक्षणिक योग्यता से जुड़े प्रमाण पत्र, भू-अभिलेख, ड्राईविंग लाईसेंस संबंधित प्रमाण पत्र असम सरकार के माध्यम से सत्यापित कराने हेतु बिहार सरकार को भेजा है ताकि असम में बन रही राष्ट्रीय नागरिक पंजी ( NRC) में उनका नाम शामिल कराया जा सके।
ज्ञातव्य है कि असम में 1951 के बाद पहली बार नागरिक पंजी का निर्माण असम समझौते के तहत सर्वोच्च न्यायालय की देख रेख में चल रहा है जिसमें असम में रहने वाले भारतीय नागरिकों को सूचीबद्ध किया जा सके। जिनका नाम पंजी में शामिल नहीं है उन्हें विदेशी नागरिक माना जाएगा।
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मोदी ने कहा है कि अब तक 52 हजार 110 दस्तावेज संबंधित जिलों, विभाग/बोर्ड/निगम को भेजा गया है। अब तक 5418 दस्तावेज सत्यापन के बाद प्राप्त हो चुके हैं जिसमें 3264 दस्तावेज असम भेजे जा चुके हैं। सर्वाधिक दस्तावेज सारण (8716), मुजफफरपुर (8022), सीवान (3874), वैशाली (3936), पूर्वी चम्पारण (2951),गोपालगंज (2215),दरभंगा(1763) है। सर्वाधिक सत्यापित दस्तावेज 4218 बिहार विद्यालय परीक्ष समिति से प्राप्त हो चुके हैं।
उन्होंने कहा है कि सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे शीघ्रातीशीघ्र अभियान चला कर दस्तावेजों को सत्यापित कराएं ताकि किसी बिहारी को असम में कठिनाईयों का सामना नहीं करना पड़े।