बिहार में NRC पर भाजपा और जदयू में टकराव हो गया है। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि एनआरसी लागू करने की तुरत जरूरत है। ऐसा नहीं होने पर बिहार के अनेक जिलों सहित देश के 200 से ज्यादा जिलों में बांग्लादेशी और रोहिंग्या बहुमत में हो जाएंगे और भारतवंशी अल्पमत में आ जाएंगे। गिरिराज सिंह प्रायः हिंदू-मुस्लिम राजनीति को गरमाते रहते हैं, लेकिन जदयू अमूमन चुप ही रहता है। अब पहली बार जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने भाजपा नेता के बयान से असहमति जताई। कहा कि इस पर विमर्श की जरूरत है। उन्होंने बिहार मॉडल पर जोर दिया, जिसमें शिक्षा पर जोर दिया गया।
भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि देश में लगातार घुसपैठ हो रही है। एनआरसी तुरत लागू नहीं किया गया तो 200 से ज्यादा जिलों में घुसपैठिए पसर जाएंगे और भारतवंशी अल्पमत में हो जाएंगे। इस पर जदयू प्रवक्ता ने कहा कि देश में शिक्षा पर जोर देने की जरूरत है। शिक्षा पर जोर देने से देश की सभी समस्याएं हल हो जाएंगी।
गिरिराज सिंह के सांप्रदायिक बयान पर आम तौर से चुप रहने वाला जदयू इस बार चुप नहीं रहा, बल्कि उसने एक तरह से भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे को खारिज किया है। गिरिराज सिंह को इस तरह काउंटर किए जाने का बयान राजनीतिक हलके में तुरत वायरल हो गया।
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जदयू के नए बयान को वक्फ एक्ट से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। जदयू ने पहले वक्फ एक्ट का समर्थन कर दिया था, लेकिन जब पार्टी के ही मुस्लिम नेताओं ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और सारी स्थिति बताई, तो पार्टी ने स्टैंड बदल लिया। अब जदयू इस मामले में भाजपा से दूरी बना चुका है। वक्फ एक्ट के बाद दो हफ्ते में ही ये दूसरा मौका है, जब जदयू ने भाजपा से अपनी विभाजन रेखा स्पष्ट कर दी है। कहा जा रहा है कि अगर भाजपा ने सांप्रदायिक एजेंडे पर जोर दिया, तो नीतीश कुमार फिर से पाला बदल सकते हैं।
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